फर्रुखाबाद : फतेहगढ़ छावनी स्थित सैन्य अस्पताल में तैनात एएमसी के मेजर रैंक के अधिकारी के खिलाफ वार्ड सहायिका के पद पर कार्यरत युवती के अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ है। युवती की मां ने 16 अगस्त को पुलिस को प्रार्थनापत्र दिया था। फतेहगढ़ कोतवाली पुलिस ने विवेचना शुरू कर दी है। घटियाघाट के मोहल्ला दीनदयाल बाग निवासी महिला कृष्णा कुमारी ने कोतवाली में दी तहरीर में कहा था कि उनकी पुत्री अनुराधा सिंह छावनी स्थित मिलिट्री अस्पताल में वर्ष 2012 से वार्ड सहायिका के पद पर कार्यरत है। विगत 7 जुलाई को ड्यूटी पर जाने के बाद से वह आज तक वापस नहीं आयी। काफी खोजबीन के बावजूद कोई पता नहीं चला। तहरीर के अनुसार लगभग छह माह पूर्व सैन्य अस्पताल के मेजर राजेश चौरसिया पीड़िता के घर पर उनकी पुत्री का हाथ मांगने आये थे। लेकिन सामाजिक रीति रिवाजों और जाति बंधन के चलते उन्होंने मना कर दिया था। पुत्री के गायब होने के बाद वह मेजर के घर पर भी जानकारी करने गयी थीं। मेजर ने अनभिज्ञता प्रकट कर दी। लेकिन उन्हें पूर्ण विश्वास है कि उनकी पुत्री को मेजर चौरसिया ने ही अपने परिचितों व संबंधियों द्वारा गायब कराया है और वह आज भी उन्हीं के संरक्षण में है।
फतेहगढ़ कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक आरपी यादव ने बताया कि मामले में मेजर राजेश चौरसिया के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कृष्णा कुमारी ने अपनी पुत्री व मेजर राजेश चौरसिया के जिन मोबाइल नंबरों का उल्लेख अपनी तहरीर में किया था वह इलेक्ट्रानिक सर्विलांस में ट्रेस नहीं हो सके हैं।
डीआईजी के कड़े रुख के बाद दिखायी तेजी
डीआईजी रेंज आरके चतुर्वेदी की अपराध समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी एनकेएस चौहान ने महिलाओं से संबंधित मामलों के निस्तारण में विलंब पर अपर पुलिस अधीक्षक रामभवन चौरसिया से कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी। डीआईजी के कड़े रुख के बाद ही पुलिस ने तेजी दिखाई और पीड़िता द्वारा एक सप्ताह पूर्व दी गयी तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली।