लानत है! कस्तूरबा विद्यालय की बच्चियों के साबुन से नहाते अफसरों के बच्चे!

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kasturba Kamalganjफर्रुखाबाद: देर शाम जिलाधिकारी एन के एस चौहान ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कमालगंज में औचक निरीक्षण कर दिया| तमाम तरह से समझाने के बाबजूद बच्चो का दर्द आखिर में निकल ही आया| न तो बिस्तरों पर चादर मिली और न ही शाम की चाय वितरित होते| हद तो तब हो गयी जब बच्चो ने बताया कि साबुन और मंजन उन्हें घर से लाना पड़ता है| तो सवाल आखिर ये है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, डायट प्राचार्य, जिला विद्यालय निरीक्षक और मुख्य विकास अधिकारी वाली कमेटी क्या कर रही है| बजट तो पूरा आया था और खर्च भी हुआ| जानकारी जुटाने वाली बात ये है कि आखिर आवासीय विद्यालय के बच्चो के हिस्से का साबुन और मंजन किसके बच्चे इस्तेमाल कर रहे है?

kasturba kamalganj dmमंगलवार शाम लगभग 4 बजे जिलाधिकारी ने अचानक अपना रुख कमालगंज के कस्तूरबा आवासीय विद्यालय कमालगंज की ओर कर दिया| विद्यालय में बच्चियों से पूछताछ की| वहां की व्यवस्था देखी| बिस्टरो पर गड्डो के ऊपर चादर नहीं थी| शाम की चाय नहीं बनी थी| वार्डन ने सफाई में बताया कि चादर खरीद कमेटी ने भेजी नहीं| वार्डन ने विद्यालय में सुरक्षा की मांग की| जिस पर जिलाधिकारी ने कमालगंज थानाध्यक्ष को दो रायफलधारी सिपाही रात में ड्यूटी पर भेजने के लिए कहा| बच्चो ने शिकायतों की झड़ी लगा दी| हालाँकि वार्डन आराधना शुक्ला ने बच्चो को काफी समझा रखा था मगर सच तो सच है निकल ही जाता है मासूमो के मुह से|
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