नर्सिंगहोमो में अग्निशमन विभाग के नियमो की उड़ रही धज्जियाँ

Uncategorized

aagफर्रुखाबाद: मुख्यचिकित्साअधिकारी कार्यालय में चल रहे निजी अस्पतालो के नवीनीकरण के क्रम में अभी तक आर के हास्पिटल सहित दो दर्जन अस्पतालों ने अभी अपना नवीनी करण नही कराया है| सीएमओ पहले ही अस्पताल संचालको को नवीनीकरण कराने के लिए अंतिम तिथि भी दे चुके है| वही जनपद के लगभग अभी निजीचिकित्सालयों में अग्निशमन विभाग के नियमो की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है|
नगर में ही नहीं पूरे जिले के कस्बों तक में जितने भी प्राइवेट नर्सिंग होम हैं उनमें से ज्यादातर में आग लगने की स्थिति में उनके पास मानकों के अनुरूप आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र देखने को नहीं मिलेंगे। इतना ही नहीं ज्यादातर तो बने नर्सिंग होम डॉक्टरों के रिहयसी मकानों में ही बने मिलेंगे। इन प्राइवेट नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टर, प्रशासनिक अधिकारियों की जी हजूरी में लगे हुए देखने को मिल सकते हैं इसलिए अग्निशमन विभाग के नियमों की बेखौफ होकर धज्जियां उड़ा रहे हैं। सवाल यह उठता है कि पूरे जिले में शायद ही कोई कस्बा अछूता हो जहां प्राइवेट नर्सिंग होम देखने को न मिले तथा ऐसे नर्सिंग होम ज्यादातर डॉक्टरों के अपने रिहायसी मकानों में ही खुले हुए हैं यह भी एक कड़वा सच है। ज्यादातर ऐसे नर्सिंग होम संचालकों ने मात्र आग बुझाने वाले सलैंडर ही लगा रखे हैं बाकी की सुरक्षा रामभरोसे देखने को मिलेगी। कहीं-कहीं तो नर्सिंग होम ऐसी जगहों पर देखने को मिलेंगे जहां यदि आग लग जाए तो आग बुझाने के लिए वहां दमकल की गाडिय़ां बामुश्किल से पहुंच पाएगी।
इतना ही नहीं सूत्रों की माने तो ऐसे नर्सिंग होमों में ज्यादातर नर्सिंग होम प्राधिकरण के मानकों के विपरीत है, क्योंकि इन नर्सिंग होमों में मरीजों के बैड आड़े-तिरछे पड़े होते हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को भर्ती किया जा सके। जिला प्रसाशन व प्रधिकरण के कुछ अधिकारियों की सेवा में लगे हुए ऐसे प्राइवेट नर्सिंग होम संचालकों के खिलाफ शिकायत किए जाने के बावजूद भी कोई कार्यवाही लोगों की नजर में नहीं होती। सूत्रों के अनुसार, मानकों के अनुरूप नर्सिंग होम बनने की बात की जाए तो जिलेभर में संचालित नर्सिंग होमों में से अधिकांश प्राधिकारण के मानकों को पूरा नहीं करते। जिला प्रशासन व अग्निशमन विभाग की लापरवाही की वजह से जिले भर में संचालित नर्सिंग होमों में आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र की जगह अधिकांश में आग बुझाने के सलैंडर ही लगे देखने को मिलेंगे जो कतई उचित नहीं है।
दो दर्जन सी अधिक निजी अस्पतालों का अभी तक नवीनीकरण नही……….
जनपद में चल रहे निजी नर्सिंग होम के नवीनीकरण को लेकर जिलाधिकारी से लेकर मुख्यचिकित्साअधिकारी सभी सक्रिय है| इसके बाद भी शहर के कौशल देवी अस्पताल, डॉ आर सिंह के अस्पताल, डॉ जोयल, गायत्री अस्पताल, श्रीकृष्णा अस्पताल मसेनी, साई नर्सिंग होम, प्रयाग नरायन अस्पताल, सत्यम अस्पताल, बालाजी, महालक्ष्मी नर्सिंग होम जसमई, आर के नर्सिग होम, शिव नर्सिंग होम, सिटी अस्पताल, फ़तेहगढ़ स्थित डॉ दास, ब्रम्ह्दत्त द्विवेदी अस्पताल सहित लगभग दो दर्जन से अधिक अस्पतालों व नर्सिंगहोमो संचालको ने अपना नबीनीकरण अभी तक नही कराया है|
वही अब इन अस्पतालों में कौन कौन अपना मानक पूरा करता है यह बाद की बात लेकिन वतर्मान में जो स्थित इनमे से कुछ अस्पतालों की है वह स्वस्थ विभाग के आदेशो को ताक पर जरुर रखे हुए है| बात करे आवास विकास स्थित चर्चित आर के हास्पिटल की जो मौत के मुहाने पर खड़ा है| अस्पताल के ऊपर मरीज है भर्ती किये जा रहे है और नीचे आक्सीजन का एक बहुत बड़ा प्लांट लगाया गया है जो किसी भी कीमत पर विभाग के मानको को पूरा नही करता| पिछले कुछ दिनों पूर्व अस्पताल में आग भी लग गयी थी| जिससे गम्भीर मरीजो को आईसीयू से निकाल कर सडक पर लिटाया गया था| खैरियत रही की किसी तरह आग को आक्सीजन के सिलेंडर ने नही पकड़ा| नही तो पूरा अस्पताल ही खत्म हो गया होता| विभाग इतनी बड़ी कमी को नजरंदाज कर हर वर्ष आर के अस्पताल को नवीनीकरण का प्रमाण पत्र दे देता है| अधिकारी भी कुछ बोलने को तैयार नही|