हाई कोर्ट ने ख़ारिज की नगर विधायक की विधायकी के विरुद्ध दायर याचिका

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Vijay Singhफर्रुखाबाद: हाई कोर्ट की इलाहाबाद खंड पीठ में नगर विधायक विजय सिंह के खिलाफ दायर याचिका पर अदालत ने फैसला सुना दिया है| गत विधानसभा चुनाव में विजय सिंह से कुछ सौ वोटो से हारे मेजर सुनील दत्त द्विवेदी ने विजय सिंह की विधायकी के खिलाफ याचिका दायर की थी| मेजर सुनील ने बताया कि वे आगे का फैसला अदालत के फैसले की प्रति का अध्ययन करने के बाद करेंगे| वहीँ अदालत के फैसले से विजय सिंह समर्थको में ख़ुशी की लहर है|

विधायक विजय सिंह के प्रतिनिधि राजेश पाठक ने बताया कि वे अदालत के फैसले का सम्मान करते है और जनता का फैसला उन्हें विधायक बनाने का था जिस पर अदालत ने भी मुहर लगायी है| मेजर सुनील ने विजय सिंह के सजायाफ्ता होने की दलील देकर उनकी विधायकी रद्द करने की अपील की थी| [bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]

सजा पर रोक के बाद चुनाव लड़ने पर अयोग्य नहीं-
कोर्ट ने कहा है कि यदि आपराधिक मामले में दी गई सजा पर अपील में रोक लग गई हो तो दोषी सजा के आधार पर चुनाव लड़ने के अयोग्य नहीं होगा। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के रविकांत एस पाटिल बनाम सार्वभौम एस बगली केस का हवाला दिया जिसमें कोर्ट ने कहा है कि नामांकन के दिन यदि सजा पर रोक लगी हो तो व्यक्ति चुनाव लड़ने के अयोग्य नहीं माना जाएगा। यह आदेश न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल ने भाजपा प्रत्याशी मेजर सुनील दत्त द्विवेदी की याचिका पर दिया है। विधायक को आपराधिक मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। सजा पर हाई कोर्ट ने रोक लगा रखी है। याची सुनील दत्त का कहना था कि आपराधिक मामले में सजायाफ्ता होने के कारण विधायक को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं है।