Monday, January 13, 2025
spot_img
HomeUncategorizedसरकार का इक़बाल बहाल करने को डीएम एसपी रात में निकल रहे...

सरकार का इक़बाल बहाल करने को डीएम एसपी रात में निकल रहे चिंता हरने

dm nks chauhanफर्रुखाबाद: किस्से कहानियो में अक्सर नानी और दादी सुनाती थी की राजा महाराजा और देवी देवता अपनी प्रजा और भक्तो की चिंता लेने के लिए अक्सर रात को भेष बदल कर निकला करते थे| देर रात डीएम और एसपी भी निकले| अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार की पिट रही भद्द से बाहर निकालने को लगता है लखनऊ में हुई मीटिंग में जनता से मिलने और उनका दुःख दर्द जानने के लिए कहा गया है|

पहले ही दिन डीएम एसपी के चंगुल में कुछ शराबी आये| रात में होटल में शराब पी रहे शराबियो के हलके के दरोगा को डीएम ने रिवर्स एंट्री देने के लिए एसपी साहब को ताकीद कर दिया| शराबी माफ़ी माग कर छूट गए| मगर इस पूरी कवायद में डीएम से दर्द कहने कौन आये और उसका दर्द कैसे हल हो इसका हल अभी तक नहीं निकला है| डीएम के निर्देश पर जाँच करने वालो की फ़ौज नयी कहा से आएगी|

बुधवार देर रात डीएम और एसपी दोनों नगर भ्रमण पर निकले| होटल चेक किये| रेलवे रोड स्थित गोरा के होटल पर मुर्गे की टांग के साथ शराब का शुरुर चढ़ा रहे युवक पकड़ में आ गए| युवको के साथ होटल मालिक और रेलवे रोड चौकी इंचार्ज तीनो की सार्वजानिक तौर पर बाट लग गयी| बेचारे तीनो| शराबी का नशा हिरन हो गया पैसे बेकार चले गए| होटल मालिक तो मुफ्त में मुर्गा यूं ही नहीं खिलाता है पुलिस वालो को| और चौकी इंचार्ज भी किस काम का जो मुफ्त का माल अपने हलके में न खा सके| इससे अच्छा तो लाइन में सही|

अब आबकारी विभाग बियर शॉप में बियर पीने की छूट देता है| उसे कोटा पूरा करना है| सरकार को भी इस नशेड़ी चीज के राजस्व पर सबसे बड़ा भरोसा है| हर बियर की दुकान से नजदीकी चौकी थाने के महीने बंधे होते है| टाइम से पैसा मिले तो न तुम हमें छेड़ो और न हम तुम्हे| दुकान में चाहे जितनी देर ठंडी बियर बेचो और पिलाओ| अब दो बाते एक साथ कैसे ठीक हो सकती है| बियर की दुकान में बैठ कर बियर पिलाने का कारोबार कैसे बंद किया जा सकता है जबकि सरकार और हुक्मरान दोनों जानते है- “बात गैरकानूनी है” मगर कोटा पूरा करना है| राजस्व ज्यादा से ज्यादा जुटाना है|

तो कानून व्यवस्था की बदहाल और बदनामी से भरपूर सरकार का इक़बाल बहाल करने को अब डीएम एसपी निकलेंगे| पहले भी निकलते थे| मगर क्या कर लेंगे| एक बानगी दखिए| अब पूरे नगर में अतिक्रमण हटवाने का जिम्मा तो नगर मजिस्ट्रेट को दे रखा है| गरीब उजाड़े जा रहे है और पहुंच वाले पक्के अतिक्रमण नहीं गिराये जा रहे है| गरीब ज्यादा है जो बेरोजगार हो रहे है| ऐसे में बदनामी डीएम साहब के साथ सरकार की भी हो रही है| हर नाके पर सुबह से शाम तक पुलिस वाले ट्रको, ट्रैक्टरों से वसूली कर रहे है| दफ्तरों में बिना घूस की फाइल रुकी पड़ी है| साहब 9 बजे दफ्तर में बैठ रहे है, बाबू 10 बजे घर से निकल रहे है| एक आध दिन छापा मार जबाब मांग लेने से कुछ नहीं होगा| एक आध निपटायिये| वर्ना अगर ऐसा ही इक़बाल बहाल करना है तो करिये, रोक भी कौन सकता है|

[bannergarden id=”8″] [bannergarden id=”11″]

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments