अभी और सताएगी गर्मी, देर से आएगा मॉनसून

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garmi 1नई दिल्ली:तपती गर्मी से परेशान उत्तर भारत के लोगों को मायूस करनेवाली खबर आई है। विज्ञान और प्रोद्योगिकी मंत्री ने बताया कि मौसम विभाग के मुताबिक इस बार मॉनसून में देरी और कमजोर होने की आशंका है। कमजोर मानसून की वजह से बारिश भी कम हो सकती है लिहाजा सरकार उससे निपटने के उपायों में जुट गई है। मौसम विभाग के मुताबिक मानसून पर अल-नीनो का 70 फीसदी असर पड़ने की आशंका है।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक जून से सितंबर के बीच 93 फीसदी बारिश होने की उम्मीद है। इससे पहले अप्रैल में ये आंकड़ा 95 फीसदी था। आपको बता दें 96 फीसदी से ज्यादा बारिश सामान्य मानसून कहलाता है, 90 से 96 फीसदी तक सामान्य से कम और 90 फीसदी से कम बारिश होने पर सूखे की आशंका हो जाती है। मौसम विभाग के मुताबिक एल नीनो के प्रभाव की आशंका 60 फीसदी से बढकर 70 फीसदी हो गई है।
कमजोर मानसून से खरीफ फसल पर प्रभाव का खतरा रहता है। मक्का, धान, सोयाबीन, गन्ना, कपास, की पैदावार पर असर पड़ सकता है। ऐसे में सरकार मानसून की स्थिति पर नजर बनाए हुए है। इस वक्त पूरा उत्तर भारत भीषण गर्मी से त्रस्त है। मौसम विभाग के मुताबिक इस बार उत्तर पश्चमी भारत में कमजोर मानसून से कम बारिश की आशंका है।
पिछले दस दिनों से गर्मी एवं उमस भरे मौसम से जनजीवन बेहाल हो गया है। लोग धूप से बचने के लिए घरों से नहीं निकल रहे हैं लेकिन घर के अंदर उमस हो रही है। गर्मी भगाने के लिए लगे पंखे हवा तो दे रहे हैं लेकिन उनका कोई प्रभाव नहीं है।बारह बजे तक इतनी तेज धूप हो गई कि लोग छाया की तलाश करने लगे। सबसे च्यादा समस्या छोटे बच्चों को है। गर्मी एवं उमस से वे परेशान हैं। रोते-चिल्लाते बच्चों को चुप कराने में उनके परिवारी जनों की भी हालत खराब हो जा रही है। लोग उलट-उलट कर आसमान की तरफ देख रहे हैं कि बरसात कब होगी। सभी लोग सोच रहे हैं कि अगर बरसात हो जाती तो मौसम ठंडा हो जाता। हवा बंद होने के चलते मुश्किल और बढ़ गई है।तेज धूप व उमस भरी से अधिकतर लोग सुस्त नजर आ रहे थे। वहीं चक्रवात के चलते बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ठप होने से लोगों को बिना पंखा, कूलर के रहना पड़ा।