Saturday, December 28, 2024
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यूपी के प्रमुख सचिव गृह हटाए गए

Anil kumar gupta IASलखनऊ: कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर चौतरफा घिरती जा रही सरकार ने मुख्य सचिव को हटाए जाने के दो दिन बाद ही सोमवार को प्रमुख सचिव गृह अनिल कुमार गुप्ता को भी हटाकर प्रतीक्षारत कर दिया। उनकी जगह अभी किसी की तैनाती नहीं की गयी है। गुप्ता से गृह के अलावा कारागार, गोपन, बीजा-पासपोर्ट व सतर्कता का भी कार्यभार ले लिया गया है।

1979 बैच के आइएएस अधिकारी अनिल गुप्ता को गृह विभाग की कमान 15 अक्टूबर 2013 को सौंपी गयी थी। उन्होंने आरएम श्रीवास्तव से यह कार्यभार ग्रहण किया था। सपा सरकार बनने के बाद कुमार अरविन्द सिंह देव प्रमुख सचिव गृह बने थे, लेकिन सियासी दाव-पेंच में अरविन्द देव इस पद पर कार्य नहीं कर पाए और उनकी जगह आरएम श्रीवास्तव को कमान सौंपी गयी। पश्रि्वमी उत्तर प्रदेश के दंगों के दौरान अचानक आरएम श्रीवास्तव हटा दिए गए। इस बार बदायूं के उसैहत में नाबालिग बहनों की दुष्कर्म के बाद हत्या से उठे बवंडर में अनिल गुप्ता पर भी गाज गिरी। दरअसल बदायूं की घटना ने यूपी सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी। महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग, केन्द्र सरकार, प्रमुख विपक्षी दलों से लेकर संयुक्त राष्ट्रसंघ तक ने उसैहत दुष्कर्म काड की निंदा की और सरकार की खूब किरकिरी हुई। काग्रेस, बसपा और भाजपा समेत सभी राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति शासन लागू करने की माग शुरू कर दी। सरकार ने पेच कसने के लिए कवायद शुरू की तो निचले स्तर पर कार्रवाई की बजाय सीधे ऊपर से ही सफाई शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि अभी व्यापक फेरबदल की तैयारी की जा रही है।

करीब साढ़े सात माह तक प्रमुख सचिव गृह रहे गुप्ता को गृह विभाग की कमान बहुत विषम परिस्थिति में सौंपी गयी। तब पश्चिमी उत्तर प्रदेश दंगे की आग से जल रहा था और हालात पर काबू पाने के लिए सरकार का यह बड़ा फैसला था। दंगे की आग इतनी बेकाबू थी कि वह महीनों तक जलती रही और किसी तरह हालात सुधरे। हालाकि बीच-बीच में साप्रदायिक दंगे भी चुनौती बने रहे। चुनाव के दरम्यान स्थित ठीक रही, लेकिन चुनाव बाद आपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई। बड़े पैमाने पर बैंक लूट, राजधानी में सर्राफा व्यापारियों से लूट, हत्या, नाबालिग बच्चियों से दुराचार, चेन छिनैती जैसी आपराधिक घटनाओं ने सूबे में अराजकता का माहौल पैदा कर दिया और विपक्ष एक बार फिर से जंगल राज का शोर मचाने लगा। सरकार ने अपने बचाव के लिए सबसे मुफीद रास्ता प्रमुख सचिव गृह को हटाने का ही समझा और उनकी छुट्टी हो गयी।
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