किसी के कहे पर किसी चिरकुट को चुन लिया तो 5 साल पछताओगे

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Editor24 अप्रैल को जब आप वोट डालेंगे तब आपके जेहन में होना चाहिए कि आप सांसद क्यों और किसलिए चुन रहे है| चुने ऐसे को जो पढ़ा लिखा समझदार और इमानदार हो| जिसके पास फर्रुखाबाद में कुछ करने का खाका हो| जिसके सांसद बनने का मकसद जनता की सेवा करना हो न कि सांसद निधि में कमीशन खाना और उसे स्कूलों को बेच देना| ये पैसा आपका है| इसे खर्च करने का अधिकार भी आपका है| मगर सांसद कभी आपसे पूछता है कि फलां स्कूल को निधि दे दू क्या| याद करिये जब अन्ना हजारे आंदोलन कर रहे थे तब आप में से बहुत से लोग खुलकर उनके साथ खड़े थे| और बहुत से मन से कह रहे थे कि अन्ना जी बात सही कह रहे है| एक बदलाव की बयार शुरू हुई है उसे हवा दीजिये| लोकतंत्र को मजबूत करिये| वोट जरूर डालिये|

फर्रुखाबाद में शिक्षा माफियाओ के स्कूलों में जमकर सांसद और विधायक निधि लगी है| नक़ल कराकर जनता के बच्चो को डिग्रियां देकर मूर्ख बनाये रखना चाहते है| तर्क ये देते है कि आपके बच्चे के पास डिग्री होगी तो सिपाही बन जायेगा या फिर लड़की डिग्री धारी होगी तो शादी हो जाएगी| शिक्षा से इनका कोई सरोकार नहीं है| ऐसे लोगो को सांसद और विधायक निधि सही फैसला सही था या गलत| इसका भी मूल्याङ्कन चुनाव के समय वोट डालने से पहले जरूर करिये|

इसलिए जमकर वोट डालिए मगर सिर्फ इसलिए वोट मत डालिए क्योंकि आपको वोट डालना है| वोट जरुर डालिए और सोचिये कि जिसे चुन रहे हो वो संसद के लायक भी है या नहीं| क्या आपका चुना हुआ प्रतिनिधि सांसद निधि तो नहीं बेचेगा| और अगर बेचेगा तो क्या आप उससे कुछ कहने की स्थिति में होंगे भी या नहीं| क्योंकि आने वाला वक़्त जनता का ही है|

क्योंकि आप संसद का प्रतिनिधि चुन रहे है प्रधानमंत्री नहीं|

भारत में जनता सीधे प्रधानमंत्री नहीं चुनती| जनता को अपने प्रतिनिधि को चुनना है| और ऐसा प्रतिनिधि चुनना है जो अपराध मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त, विचारवान और देशभक्त हो| नेताओ ने सविधान की व्याख्या करना बंद कर दी है| भेड़ चाल में मत फसिये| अपनी अक्ल लगाइए| आखिर आप दूसरे के कहे पर क्यों चले| भगवान् ने आपको भी तो उतना ही भेजा दिया है जितना नेता जी को| फर्क बस इतना है कि वो इस्तेमाल कर लेता है|