फर्रुखाबाद: पहले सरकारी मास्टर बनिए, फिर नेतागिरी शुरू करिये और कमजोर कड़ी तलाश कर सरकारी पैसा लूट लीजिये| जो खबर JNI आपको पढ़ाने जा रहा है वो इस व्यवस्था से बिल्कुल मेल खाती है| कमालगंज ब्लाक में तैनात कानपुर से उपडाउन करने वाली एक प्रधानाध्यापिका की स्कूल में देर सवेर या कभी कभी न जाने की कमजोरी को एक सपाई शिक्षक नेता ने हथियार बना लिया है| स्कूल की बॉउंड्री वाल के पैसे की चेके कटवा कर खाता खाली कर दिया| स्कूल में न बॉउंड्री वाल बनी और न ही काम शुरू हुआ| बेचारी शिक्षिका अपनी बड़ी कमजोरी के चलते किसी से शिकायत करने की हैसियत तक में नहीं है| समाजवादी विधायक जमालुद्दीन सिद्दीकी की विधानसभा भोजपुर का ये नया समाजवाद है? या फिर सम्भावित सांसद रामेश्वर सिंह यादव के सम्भावित संसदीय क्षेत्र का यह भयमुक्त और संघर्षशील समाजवाद? नाम इसे पाठक ही दे दे| प्रकाशित हम कर देंगे|
प्राथमिक पाठशाला नगला किता जिसकी शिक्षिका इंचार्ज सलोनी श्रीवास्तव की अपनी कमजोरी है कि वो कानपुर से ट्रेन से आकर नौकरी करती है| अब ट्रेन तो स्कूल के हिसाब से चलेगी नहीं अलबत्ता स्कूल का खुलना और बंद होना ट्रेन के हिसाब से करना पड़ता है| कभी कभी न भी स्कूल आये तो पूछने वाला कौन है उसके एवज में खंड शिक्षा अधिकारी अपना हिसाब ले जाते है और जो बचा है उसे समाजवादी शिक्षक नेता कोई राजेश यादव ले जाते है ऐसा बच्चो के प्रति गैर जिम्मेदार शिक्षिका बेचारी सलोनी श्रीवास्तव का कहना है| स्कूल की बॉउंड्री वाल के लिए पैसा विद्यालय की शिक्षा समिति के खाते में भेजा गया था| शिक्षा समिति के अध्यक्ष रामतीर्थ और इंचार्ज सलोनी श्रीवास्तव के सयुंक्त हस्ताक्षर से 60000 रुपये की चेक आर के ब्रिक फील्ड कमालगंज के नाम से दिनांक 31 जनवरी को काट ली गयी| इसी के साथ दोनों के हस्ताक्षर से एक 30000 रुपये की बेयरर चेक लेबर भुगतान के नाम पर काटी गयी| और तीसरी चेक पर बिना राशि भरे शिक्षा समिति के अध्यक्ष और सलोनी श्रीवास्तव के हस्ताक्षर कराकर काटी गयी| सलोनी ने बताया कि तीनो चेक सपाई शिक्षक नेता राजेश यादव ले गए है और आज तक न बॉउंड्री वाल के लिए कोई सामग्री आयी और न काम हुआ| वे बाहर की रहने वाली है मजबूरी वश उन्हें दस्खत करने पड़े| खंड शिक्षा अधिकारी भी इन नेताओ का साथ देने को मजबूर है
दबंगई में ये क्या क्या हो रहा है| जिले में ये कैसा समाजवाद आ गया है| जिसमे दबंगई है, डर है और दहशत है| बड़ा नेता बड़े अफसर पर नकेल कसे हुए है और छोटे नेता छोटे मुलाजिम को शिकार बना रहे है| सिर्फ समाजवाद जिंदाबाद के नारे लगाना ही अगर समाजवाद है तो ये उन्हें मुबारक और तुम्हे मुबारक|