1.70 लाख शिक्षा मित्रों को बड़ी सौगात

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Teacherउत्तर प्रदेश के 1.70 लाख शिक्षा मित्रों को बिना टीईटी के ही सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया जाएगा। उन्हें सहायक अध्यापक का वेतनमान मिलेगा। 60 साल तक की उम्र वाले शिक्षा मित्र सहायक अध्यापक बन सकेंगे।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक में शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजित करने के लिए उ.प्र. अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में संशोधन को मंजूरी दे दी गई।

जल्द ही इस संबंध में शासनादेश जारी किया जाएगा। कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को इस फैसले की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने साफ किया कि शिक्षा मित्रों को शिक्षक के पद पर ही समायोजित किया जाएगा।

उन्होंने कहा, कैबिनेट में मंजूर की गई संशोधित नियमावली में शिक्षा मित्रों को दो साल की ट्रेनिंग के बाद सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किए जाने का प्रावधान किया गया है।

ट्रेनिंग जैसे-जैसे पूरी होती जाएगी, उन्हें समायोजित किया जाता रहेगा। 60 हजार शिक्षा मित्रों की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है जबकि 64 हजार की जल्द ही पूरी हो जाएगी। बाकी बचे 46 हजार की ट्रेनिंग 2015 तक पूरी होनी है।

सूबे में 14 जनवरी 2011 को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मंजूरी मिलने के बाद शिक्षा मित्रों को दो वर्षीय पत्राचार बीटीसी प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

ग्रेजुएट नहीं तो करना होगा इंतजार
समायोजन के लिए तैयार कराई गई नियमावली में शिक्षा मित्र से सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन की योग्यता स्नातक तय की गई है। बहुत से शिक्षा मित्र इंटर पास ही हैं।

स्नातक होने के बाद ही पे शिक्षक बन पाएंगे इसलिए आयुसीमा 60 वर्ष रखी गई है। तीसरे चरण में जिन 46 हजार शिक्षा मित्रों की ट्रेनिंग होनी है उनमें ज्यादातर इंटर पास हैं।

ऐसे होगा समायोजन
60 हजार शिक्षा मित्र सहायक अध्यापक बनेंगे पहले चरण में
64 हजार का समायोजन होगा दूसरे चरण में
46 हजार बचे शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षण देकर बनाया जाएगा