Sunday, December 29, 2024
spot_img
HomeUncategorizedयौन शोषण: जस्टिस गांगुली का इस्तीफा!

यौन शोषण: जस्टिस गांगुली का इस्तीफा!

कोलकाता: लॉ इंटर्न द्वारा लगाए गए यौन आरोपों की फांस में फंसे उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अशोक कुमार गांगुली ने आखिरकार पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि, अंतिम सूचना मिलने तक न तो मानवाधिकार आयोग और न ही खुद जस्टिस गांगुली ने इस्तीफे की पुष्टि की। इस्तीफे की खबर उनके राजभवन जाकर राज्यपाल एमके नारायणन के साथ करीब 45 मिनट तक मंत्रणा करने के बाद फैली।
justice ganguli
इससे पूर्व जस्टिस गांगुली सोमवार को पूर्वाह्न करीब 11.30 बजे मानवाधिकार आयोग के कार्यालय पहुंचे थे, जहां वे दिन भर आयोग के कार्य में व्यस्त रहे। इस दौरान उन्होंने कई आवश्यक निर्देश भी जारी किए। शाम करीब 4.45 बजे वह भवानी भवन स्थित अपने कार्यालय से आयोग के संयुक्त सचिव जय हल्दर के साथ राजभवन के लिए रवाना हो गए। वहां उनकी राज्यपाल एमके नारायणन से 45 मिनट तक बातचीत हुई। उनकी इस मुलाकात के बाद ही इस्तीफे की खबर फैली। कहा गया कि उन्होंने राच्यपाल एमके नारायण को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि, इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।

इससे पहले रविवार को पूर्व अटार्नी जनरल सोली सोराबजी ने कहा था कि न्यायमूर्ति गांगुली ने उनसे बातचीत में पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर विचार करने की बात बताई थी। इसके बाद से इस्तीफे को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी। दूसरी ओर आज सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस गांगुली के पक्ष में दायर याचिका को खारिज कर दिया था।
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″][bannergarden id=”17″]
न्यायमूर्ति गांगुली की सोराबजी के साथ वार्ता ऐसे समय में हुई है, जब केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इस मुद्दे पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए राष्ट्रपति की राय (केंद्र सरकार की तरफ से राष्ट्रपति द्वारा राय के लिए उच्चतम न्यायालय को भेजा जाने वाला मामला) भेजने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इसे डब्ल्यूबीएचआरसी अध्यक्ष को हटाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा था।

सनद रहे कि उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय समिति ने न्यायमूर्ति गांगुली को प्रथमदृष्टया आरोपी माना था। न्यायमूर्ति गांगुली ने कानून की इंटर्न की ओर से लगाए गए सभी आरोपों से इन्कार किया था और कहा था कि उनके द्वारा दिए गए कुछ फैसलों के कारण उनकी छवि धूमिल करने के लिए कुछ ताकतें कोशिश कर रही हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह जस्टिस गांगुली ने कोलकाता के कानून के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के मानद प्रोफेसर पद से इस्तीफा दे दिया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments