Thursday, December 26, 2024
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कैंपों में बच्चों की मौत पर UP के अफसर का बेदिल बयान

muzaffar-anil-guptaनई दिल्ली। मुजफ्फरनगर राहत शिविर में बच्चों की मौत को लेकर यूपी सरकार की तरफ से फिर बेतुका बयान आया है। उत्तर प्रदेश की बेदिल सरकार और उनके नेताओं और अफसरों के बेदर्द बयान जारी हैं। यूपी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम अनिल कुमार गुप्ता ने बयान दिया है कि ठंड से कोई नहीं मरता है। अगर ठंड से कोई मरता तो साइबेरिया में कोई जिंदा नहीं बचता।

प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम का ये बयान उन लोगों के जख्म पर मरहम की जगह नमक लगाने जैसा है जिनके बच्चे, जिनके अपने राहत शिविरों में ठंड से मरे हैं। एक तरफ यूपी के दंगा राहत शिविरों में मौत का सिलसिला जारी है, कैंपों में बदइंतजामी की वजह से 40 मौत की खबरें हैं, लेकिन सरकार लगातार संवेदनहीन बनी हुई है।

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इससे पहले मुलायम सिंह ने भी कुछ इसी तरह का बयान दिया था। मुलायम ने ये कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि कैंपों में पीड़ित नहीं रह रहे बल्कि कांग्रेस-बीजेपी के कार्यकर्ता और साजिशकर्ता हैं। मुलायम के इस बेहद गैरजिम्मेदाराना बयान के बाद अब उत्तर प्रदेश के एक आला अफसर ने एक बेदिल बयान दिया है।

अफसर की सफाई

हालांकि बाद में अपने बयान पर फजीहत होते देख अनिल गुप्ता पलट गए। उन्होंने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है। इस बयान के लिए कांग्रेस बीजेपी ने अनिल गुप्ता पर जमकर हमला बोला।

...यूपी सरकार ने आखिर माना

वहीं मुजफ्फरनगर दंगों के बाद से राहत कैंप में महज दो बच्चों की मौत का दावा करने वाली यूपी सरकार ने अब आखिरकार सच्चाई मान ली है। सरकार ने माना है कि राहत कैंप में अब तक 34 बच्चों की मौत हुई है। बावजूदद इसके सरकार इन मौतों की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। सरकार यह मानने को तैयार नहीं कि चिकित्सा और दूसरे इंतजाम नाकाफी थे जिसकी वजह से ये मौतें हुई हैं।

12 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरनगर और शामली में लगाए गए राहत शिविरों में 39 बच्चों की मौत से जुड़ी खबरों को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब-तलब किया था जिसके बाद सरकार ने आनन फानन में मेरठ के कमिश्नर मंजीत सिंह की अध्यक्षता में एक जांच कमिटी का गठन किया था। अब कमेटी की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि वहां कुल 34 बच्चों की मौत हो चुकी है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि सामाजिक संगठन राहत सामग्री मुहैया कराने में जुटे हैं। लेकिन सरकार अब भी यह मानने को तैयार नहीं कि ठंड और सरकारी नाइंतजामी की वजह से कई बच्चों की मौत हुई है। इसीलिए ऐसे बेतुके बयान दिए जा रहे हैं ।

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