मिड-डे मील में अब बाजरा-मक्का रोटी भी

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chulha makka ki rotiफर्रुखाबाद: मिड-डे मील में भले ही कहीं पर मरी छिपकली तथा मेढ़क मिलें लेकिन अब बच्चों को बाजरा और मक्का की रोटी भी खाने को मिलेगी। यूपी के 32 जिलों में शुरू हो रही न्यूट्री फार्म योजना के अंतर्गत अधिक पोषण वाले उत्पादकों में मक्का और बाजरा को मिड-डे मील भोजन योजना में शामिल किया गया है। फर्रुखाबाद के लिए भी बाजरे और मक्का का आवंटन कर दिया गया है|

मक्का व बाजरा की कमी न हो इसके इंतजाम भी हो रहे हैं। शासन से बच्चों की संख्या के अनुसार उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए मानव संसाधन और कृषि मंत्रालय भारत सरकार को पत्र भी भेजा गया है। सब सही रहा तो जल्द ही बच्चों की थाली में बाजरा और मक्का की रोटी भी दिखाई देगी।

कुपोषण दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश में न्यूट्री फार्म योजना शुरू की गई है। 32 जिलों का चिन्हीकरण कर परिवारों तक न्यूट्री रिच उत्पादकों में मक्का व बाजरा को परिवारों तक पहुंचाने की योजना तैयार की गई है। शासन स्तर से जिला स्तरीय अधिकारियों को भी मक्का और बाजरा की अधिक से अधिक उत्पादन की जिम्मेदारी सौंपी थी। अधिक पोषक तत्व वाले मक्का व बाजरा को बच्चों तक अनिवार्य रूप से पहुंचाने के लिए इसे मिड-डे मील में भी शामिल किया जा रहा है।
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मिड-डे मील में अभी सप्ताह में चार दिन चावल व दो दिन गेहूं आधारित मेन्यू है। लेकिन अब सप्ताह में एक दिन बाजरा और मक्का को भी शामिल किया जा रहा है। कृषि व शिक्षा विभाग द्वारा बाजरा और मक्का आधारित मेन्यू के निर्माण व परीक्षण के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार हो रहा है। प्रमुख सचिव बेसिक नीतीश्वर कुमार ने बच्चों की संख्या के अनुसार बाजरा व मक्का के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए मानव संसाधन ंिवकास मंत्रालय व कृषि मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखा है। अभी फिलहाल 32 जिलों के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है।