आरुषि की हत्या में मां-बाप हत्या के दोषी करार

Uncategorized

Arushiनई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री कही जाने वाले आरुषि हेमराज हत्याकांड में गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने आरुषि के मां-बाप को हत्या का दोषी करार दिया है। दोनों पर आईपीसी की धारा 201, 203, 320, 34 लगाई गई है। दोनों की सजा पर कल बहस होगी और इसके बाद ही इनकी सजा की अवधि पर फैसला सुनाया जाएगा।

फैसला जानने के लिए तलवार दंपति राजेश तलवार और नूपुर तलवार कोर्टरुम में ही थे। जैसे ही जज ने फैसला सुनाया, दोनों फूट-फूटकर रो पड़े। आज सुबह 11 बजे फैसला सुनाया जाना था। तलवार दंपति भी कोर्ट पहुंच चुके थे। लेकिन जज ने लंच के बाद दोपहर 2 बजे और फिर 3 बजे फैसला सुनाने की बात कही। इस दौरान कोर्टरूम खचाखच भरा हुआ था और बाहर मीडिया की भारी भीड़ लगी थी और सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। आखिर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए राजेश और नूपुर तलवार को दोषी करार दिया।

[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
दोनों को गाजियाबाद की डासना जेल भेजा जा रहा है। कल सुबह साढ़े 10 बजे इनकी सजा पर बहस होगी। तलवार दंपति को हत्या, हत्या के सबूत मिटाने का दोषी करार दिया गया है, जिसके लिए उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।

कौन-कौन सी धारा?

धारा 302 (हत्या) – सजा- उम्रकैद, अधिकतम- फांसी

धारा 201- सबूत मिटाना, अधिकतम तीन साल की सजा

धारा 203- पुलिस को गुमराह करना- अधिकतम दो साल की सजा

धारा 34 – साझा मोटिव- (जिस केस के साथ लगेगा, उसकी सजा इसकी सजा बराबर होगी। जैसे धारा 201 के साथ लगेगा तो तीन साल की सजा इस धारा के तहत भी होगी)

2008 का मामला

15 मई 2008 को जब ये मामला सामने आया था, तो पूरा देश सन्न रह गया था। सिर्फ दो दिन बाद पुलिस की तफ्तीश को तब बड़ा झटका लगा, जब आरुषि का कातिल माने जा रहे हेमराज की लाश उसी घर की छत पर मिली। साढ़े पांच साल तक इस केस में तमाम उतार-चढ़ाव आए, किसी न किसी वजह से केस खिंचता रहा। लेकिन आज साढ़े पांच साल बाद आखिरकार इंसाफ का दिन आ ही गया। आज फैसला आएगा कि क्या आरुषि को उसके ही मां-बाप ने कत्ल किया था।

आरुषि केस में फैसला का वक्त आने में साढ़े पांच साल लग गए। जो तलवार दंपति अपनी बेटी के लिए इंसाफ मांग रहे थे, उन्होंने कानून की बारीकियों का इस्तेमाल कर इस केस को लंबा खींचा। इस हत्याकांड से जुड़े मामले इस अदालत से उस अदालत में चलते रहे और केस खींचता रहा।

साल 2008 में पहली बार नोएडा पुलिस ने राजेश तलवार को आरुषि और हेमराज की हत्या का आरोपी बनाया था। लेकिन नोएडा पुलिस कुछ आगे करती इससे पहले ही ये केस सीबीआई को सौंप दिया गया। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई की पहली टीम ने देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री में राजेश और नूपुर तलवार को क्लीन चिट दे दी। लेकिन अदालत के सख्त रुख के बाद मामले की सुनवाई होती रही।