Friday, December 27, 2024
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HomeFARRUKHABAD NEWS..तो आरोप लगते ही चुनाव नहीं लड़ पाएंगे नेता जी

..तो आरोप लगते ही चुनाव नहीं लड़ पाएंगे नेता जी

24-kapil-sibal205दिल्ली: देश के कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने किसी व्यक्ति पर अपराध के दाग लगते ही, उसके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया है। अगर कानून मंत्री कपिल सिब्बल का नया प्रस्ताव कानून बन जाता है तो गंभीर अपराधों में महज आरोपी बनने पर ही कोई शख्स चुनाव नहीं लड़ पाएगा।

कपिल सिब्बल का यह प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के 10 जुलाई के उस आदेश से भी दो कदम आगे हैं, जिसमें अदालत ने कहा था कि जेल में बंद आरोपी चुनाव नहीं लड़ सकते।
आरोपियों को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं
पीटीआई के मुताबिक कपिल सिब्बल ने एक इंटरव्यू में कहा कि मेरी अपनी राय है कि खून, बलात्कार और अपहरण जैसे अपराध, जिनमें कम से कम सात साल की सजा होती है, में शामिल आरोपियों को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। बेशक अदालत से वे दोषी नहीं ठहराए गए हों, लेकिन अगर उन पर आरोप लगता है तब भी उन्हें चुनाव नहीं लड़ने दिया जाना चाहिए।
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कपिल सिब्बल के मुताबिक मुझे उम्मीद है कि हम इस प्रस्ताव को आगे तक ले जा पाएंगे। उन्होंने बताया कि इस बारे में कानून आयोग को लिखकर उनकी राय मांगी है। लेकिन निजी तौर पर मैंने इस विधेयक का मसौदा तक तैयार कर लिया है।

जब पूछा गया कि क्या उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस में चर्चा की है? उनका कहना था- नहीं। यह मेरा अपना नजरिया है। लेकिन अगले संसद सत्र से पहले मैं अपने सहयोगियों से इस पर सलाह करूंगा और कैबिनेट के सामने पेश करने की कोशिश करूंगा।

शीतकालीन सत्र में इस बाबत नया विधेयक

अगर ऐसा हुआ तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है। क्या यह प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट के 10 जुलाई के फैसले की तर्ज पर है, तो सिब्बल का कहना था कि जो बहस चल रही है, मैं तो उससे भी दस कदम आगे जाकर यह प्रस्ताव पेश कर रहा हूं।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के 10 जुलाई के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश के जरिए इस पर रोक लगाने की पूरी तैयारी कर ली थी।
आगामी शीतकालीन सत्र में इस बाबत नया विधेयक लाया जा सकता है। अपराधी छवि के लोगों को राजनीति में आने से रोकने के लिए संबंधित नियम बनाने संबंधी विधेयक अपनी लंबित पड़ा हुआ है।

10 जुलाई, 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा था कि अगर किसी सांसद या विधायक को दो साल या इससे अधिक की सजा मिलती है तो उसकी सदस्यता तुरंत रद्द हो जाएगी। जबकि सरकार के इस बिल में प्रावधान है कि सजा मिलने के बाद नेता को तीन महीने के अंदर अपनी सजा पर स्टे लेना होगा। अगर न होने पर उसकी सदस्यता रद्द होगी।

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