अमन शान्ति की दुआओं के साथ कायमगंज में भी हुई ईद की नमाज

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KAIMGANJ (FARRUKHBAD) :  ईदगाहों में ईद की नमाज अपने निर्धारित समय पर पूरी अकीदत के साथ अदा की गयी। नमाज के दौरान नमाजियों की भारी संख्या के चलते क्षेत्र की सभी ईदगाहें छोटी पड गयी। मुहल्लों की मस्जिदों में भी ईद की नमाज भारी संख्या में पहुंचकर लोगों ने अदा की। मस्जिदों में भी नमाजियों की बडी संख्या में उपस्थित के चलते तिल रखने को जगह नहीं बची। सभी जगह ईद की नमाज अमन और शान्तिपूर्वक सम्पन्न हुई।EID NAMAJ copy
बुधवार सुबह से ही मुस्लिम मुहल्लों में ईद की चहल पहल दिखाई दे रही थी। कहीं कोई अपने कुर्बानी के लिए लाये गये बकरों को नहला धुलाकर टहला रहा था तो कहीं कोई बकरों को सानी पानी देकर उनका पेट भर रहा था। घरों में पुरूष और बच्चे समय से ईदगाह पहुंचने के लिए नहा धोकर नये कपडे पहनकर और खुशबू आदि लगाकर नमाज के लिए जाने की तैयारी कर रहे थे। प्रातः 8 बजे के बाद से नमाजियों के काफिले ईद की नमाज अदा करने के लिए अपने अपने घरों से निकल पडे और नमाजियों की तकबीरों की सदाओं से सारी गलियां और सडकें गूंज उठी। ईद की नमाज को अदा करने के लिए जाते और आते समय पूरी रास्ता तकबीरें कहने का इस्लाम में विधान है।

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तकबीरें कहते नमाजी ईदगाहों और मस्जिदों में पहुंचे, जहां उन्होंने एक साथ मिलकर ईद की नमाज अदा की और नमाज के बाद इमाम का खुतबा सुनकर सबने हाथ फैलाकर अल्लाह की बारगाह में एक साथ मिलकर दुआ मांगी। दुआ के दौरान अल्लाह से अपने अपने गुनाहों की माफी अपने और अपने पूर्वजों की मोक्ष और सबके सुख, शान्ति सम्पन्नता और कल्याण के साथ मुल्क में अमन चैन और तरक्की की दुआ के साथ सबको नेकी के रास्ते पर चलने और बुराईयों से बचने के लिए दुआ की गयी। ईदगाह कायमगंज में ईद की नमाज मौलाना अबदाल कासमी ने अदा कराई।

नमाज के बाद अपने सम्बोधन में मौलाना ने लोगों को मुखातिब करते हुये कहा कि ईदुल अजहा का ये त्यौहार हमें हजरत इब्राहिम (सल0) की कुर्बानी और अल्लाह के लिए सबकुछ न्यौछावर करने की तालीम देता है। उन्होंने कहा कि हजरत इब्राहिम (सल0) की जिन्दगी हमें सिखाती है कि हम सच पर चलते रहें और बुराई कितनी भी सशक्त क्यों न हो उसे किसी भी हालत में स्वीकार न करें। बल्कि बुराई को बुराई कहते हुये उसके समूल नाश के लिए कोशिश करते रहें। ईदगाह गऊटोला में ईदुल अजहा की नमाज भईया खां ने अदा कराई। उन्होंने अपने सम्बोधन में लोगों से कहा कि ईदुल अजहा हज और कुर्बानी का त्यौहार है। इसलिए जिन लोगों के पास पैसा है उन्हें हज का फरीजा अदा करना चाहिये।

जामा मस्जिद कायमगंज में ईदुल अजहा की नमाज हाफिज शानूर ने अदा कराई। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि आज मुल्क के जो हालात हैं और जो बिगाड और बुराईयां नजर आ रही हैं उन सबकी एक बडी बजह यह है कि लोगों के दिलों से अल्लाह का खौफ निकल गया है। अल्लाह की मुहब्बत के जबानी दावे तो करने वाले सभी हैं लेकिन दिल की गहराईयों के साथ अल्लाह से सच्ची मुहब्बत करने वाले बहुत कम हैं। आज का आदमी औलाद के लिए धर्म मजहब और कानून को कुर्बानी दे रहा है। जबकि हजरत इब्राहिम ने अल्लाह की रजा के लिए अपने बेटे की कुर्बानी दी थी।
ईदगाहों के अलावा मस्जिदों में भी ईद की नमाज अदा की गयी। मस्जिद मुहल्ला चिलांका चिलौली गढ़ी इज्जत खां, गढ़ी नूर खां, कुबेरपुर, सुभानपुर, याहयापुर, कलाखेल, अताईपुर, कटरा रहमत खां, भुडिया, मऊरशीदाबाद, लालबाग की मस्जिदों के अलावा कम्पिल, निजामुद्दीनपुर, समाउद्दीनपुर और कटिया, शमसाबाद मे भी ईदुल अजहा की नमाज पूरी तरह अमन सुकून से अदा की गयी। नमाज के बाद सभी ने एक साथ अल्लाह से अमन शान्ति, खुशहाली और सदाचार के लिए दुआएं मांगी। सभी जगह पुलिस की व्यवस्था चुस्त और दुरूस्त नजर आयी।