लखनऊ। मेरठ के सरधना के भाजपा विधायक संगीत सोम की गिरफ्तारी व रासुका की कार्रवाई के विरोध में पूर्वघोषित खेड़ा गाव में ठाकुर चौबीसी व हिंदू संगठनों की महापंचायत में लोगों को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई। हालाकि जवाब में भीड़ ने भी पुलिस पर पथराव कर दिया। इसे संभालने के लिए पुलिस ने आसू गैस के गोले छोडे तो भीड ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस के कई वाहनों में तोड़फोड़ के बाद उसे आग के हवाले कर दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों समेत कई लोगों के घायल होने की सूचना है।
इससे पहले विधायक संगीत सोम की गिरफ्तारी व रासुका की कार्रवाई के विरोध में पूर्व घोषित खेड़ा गाव में ठाकुर चौबीसी तथा हिंदू संगठनों की महापंचायत को स्थगित कराने के पुलिस-प्रशासन के दावे फेल हो गए। दिन निकलते ही खेड़ा में 20 हजार से अधिक लोग जुट गए। दस हजार से अधिक महिलाएं, युवतिया व डिग्री कालेजों की छात्राएं लाठी-डंडे लेकर वहा मौजूद थीं। सरधना क्षेत्र के गाव खेड़ा में पुलिस व प्रशासन ने दो दिन पहले से ही नाकेबंदी कर दी थी। वहा लोगों को न जाने देने की भरपूर कोशिश की, लेकिन उसके तमाम प्रयास विफल साबित हुए। महापंचायत नियत समय पर शुरू हुई, जिसमें महिलाएं जमकर गरजीं। छात्राओं ने मागें न मानने पर क्षेत्र के डिग्री कालेजों को बंद कराने की घोषणा कर दी है।
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महापंचायत में माग की गई है कि विधायक संगीत सोम समेत बेकसूर हिंदुओं से मुजफ्फरनगर दंगे के केस वापस लिए जाएं तथा आरोपी मुस्लिमों व मंत्री आजम खा को गिरफ्तार किया जाए। पुलिस व प्रशासिनक अधिकारी किसी तरह महपंचायत खत्म कराने की जुगत में लगे रहे।
पहले पहुंचने की रणनीति सफल
पुलिस की नाकेबंदी को फेल करने के लिए चौबीसी के गावों तथा दूर-दूर के लोगों ने रणनीति से काम किया। लोग रातभर खेतों में छिपे रहे। बड़ी संख्या में लोग गाव के मकानों में रात में रुके। खेतों में छिपे लोग दिन निकलने पर बाहर निकले। इस दौरान पास के जिलों खासकर मुजफ्फरनगर और हापुड़ में भी बेरिकेडिंग कर खेड़ा आने वाली जनता को पुलिस ने रोकने का प्रयास किया।