नई दिल्ली। मुजफ्फरनगर में दंगों के बाद सियासत का बाजार सज गया है। दंगों के करीब दो हफ्ते बाद मुजफ्फरनगर अब सियासी दौरे का गवाह बन रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज मुजफ्फनगर दौरे पर पहुंचे हैं। इससे पहले रविवार 15 सितंबर को सीएम अखिलेश यादव यहां पहुंचे थे।
दंगों पर चल रही सियासत को लेकर राजनीतिक दलों पर मुस्लिम संगठनों की निगाहें टेढ़ी हो गई हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के वरिष्ठ नेता और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना महमूद मदनी ने दौरे को सियासी नूराकुश्ती करार दिया है। मदनी ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों द्वारा मुस्लिमों को टॉयलेट पेपर की तरह इस्तेमाल किया गया है।
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मुजफ्फरनगर में नेताओं के दौरे पर मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि ये सब राजनीतिक रणनीति के तहत हो रहा है। पहले अखिलेश जी ने दौरा किया अब सोनिया-मनमोहन पहुंचे हैं। कांग्रेस ने वादा किया था कि उसकी सरकार आने पर वो सांप्रदायिक हिंसा पर एक्ट लाएगी। उसने अपना वादा पूरा क्यों नहीं किया।
मदनी ने कहा कि लोगों की जिंदगियों पर सियासत करना ठीक नहीं है। ये दंगा नहीं था, बल्कि एक समुदाय विशेष के खिलाफ की गई कार्रवाई थी। पुलिस और प्रशासन दोनों मिले हुए हैं। ये समाजवादी पार्टी की जिम्मेदारी है। कुछ तथाकथित राजनीतिक दलों द्वारा मुस्लिमों को टॉयलेट पेपर की तरह इस्तेमाल किया गया है।
साभार-IBN