FARRUKHABAD : न्यायालय के आदेश पर शहर कोतवाली में पंजाब नेशनल बैंक के शाखा प्रबंधक सहित तीन लोगों पर धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। जिसकी जांच क्षेत्राधिकारी नगर को दी जायेगी।
थाना मेरापुर के ग्राम कुरार निवासी अजीत कुमार पुत्र ओमशरण ने न्यायालय में याचिका दायर कर उसके आदेश पर शहर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत करवाया है। अजीत कुमार ने बताया कि बीते तकरीबन एक वर्ष पूर्व 10 दिसम्बर 2012 को एक अखबार ने सत्या फाइनेंस कंपनी देहरादून उत्तराखण्ड के नाम से एक विज्ञापन जारी हुआ था। जिसमें पड़े मोबाइल नम्बर से अजीत कुमार ने बात की तो फोन मनोज नाम के एक व्यक्ति ने उठाया। कुछ देर बात होने के बाद फोन काट दिया गया। इसके उपरांत अजीत कुमार ने अलग अलग कई नम्बरों से विज्ञापन में दिये गये नम्बर पर सम्पर्क किया और संतुष्टि करनी चाही। 10 दिसम्बर से 14 दिसम्बर तक लगातार अजीत कुमार फोन पर सम्पर्क करते रहे। 16 दिसम्बर को जब फोन पर पूरा संतुष्ट हो गये और फाइनेंस की बात भी पक्की हो गयी तो बातचीत करने के लिए बस अड्डा फर्रुखाबाद को तय किया गया।
जहां पर पहुंचे मनोज व उसके साथियों ने 20-20 रुपये के तीन फर्जी चेकों पर सत्या फाइनेंस के नाम से जारी कराये और कहा कि पंजाब नेशनल बैंक में अपना खाता खुलवाकर उसमें 90 हजार रुपये जमा कर दें। जालसाजों की बात में फंसकर अजीत कुमार ने कायमगंज की पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में खाता खोलकर उसे 90 हजार रुपये जमा कर दिये। कुछ दिनों बाद अजीत को पता चला कि बैंक से पैसे निकाल लिये गये हैं। जिस पर उसने पूर्व में इस्तेमाल किये गये नम्बर पर फोन किया तो मोबाइल स्विच आफ बोल रहा था। अन्य नम्बर भी स्विच आफ थे। अजीत कुमार को शक हो गया तो वह कंपनी के बताये हुए पते पर देहरादून उत्तराखण्ड पहुंचा।
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पूछताछ में उसे पंजाब नेशनल बैंक की पटेलनगर देहरादून उत्तराखण्ड के शाखा प्रबंधक सुशील कुमार की भी भूमिका संदिग्ध लगी। अजीत कुमार का आरोप है कि शाखा प्रबंधक सुशील कुमार की मिलीभगत से फाइनेंस कंपनियों को चला रहे मनोज और रवेन्द्र ने पैसे गायब किये हैं। पीड़ित ने न्याय के लिए अदालत का दरबाजा खटखटाया। तो अदालत ने शाखा प्रबंधक सुनील कुमार व सत्या फाइनेंस देहरादून के मनोज व रवीन्द्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किये। शहर कोतवाली में न्यायालय के आदेश पर शाखा प्रबंधक सहित तीन आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 406 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया। शहर कोतवाली के वरिष्ठ उपनिरीक्षक हरिश्चन्द्र वर्मा ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी है। मूल रूप से मामले की जांच क्षेत्राधिकारी नगर द्वारा की जायेगी।