फर्रुखाबाद: पुलिस की भर्ती में शारीरिक दक्षता की शर्त तो समझ में आती है लेकिन सूबे में ग्राम विकास अधिकारियों (ग्राम सेवक) की भर्ती में शारीरिक दक्षता का मानक पुलिस से भी ज्यादा पसीना निकालने वाला है।
इस शर्त के कारण ग्रामीण क्षेत्र की लड़कियां तो पूरी तरह से छंटती नजर आ रही हैं। ऐसे में युवा सवाल कर रहे हैं कि चयन के बाद उन्हें गांवों में विकास कार्यों की जिम्मेदारी निभानी होगी या आतंकियों से मुठभेड़ करनी होगी।
प्रदेश में इस समय ग्राम सेवक के 2699 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया है। वेतनमान-पे बैंड-5200-20200- व ग्रेड पे-2000 के अंतर्गत की जा रही इस भर्ती की चयन प्रक्रिया में मेरिट बनाने के लिए कई तरह के प्रावधान किए गए हैं।
इसमें शारीरिक दक्षता की भी शर्त शामिल है। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा जारी विज्ञापन के अनुसार दौड़, लंबी कूद, साइकिल दौड़ और पैदल चलना शामिल है। जो अभ्यर्थी जितना कम समय लेगा, उसको उसी के अनुसार नंबर दिए जाएंगे।
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इसके उलट सिपाहियों को उसी वेतनमान व ग्रेड-पे पर भर्ती किए जाने की व्यवस्था है जिस पर ग्राम सेवक की भर्ती हो रही है। आरक्षी भर्ती में पुरुष व महिला अभ्यर्थियों के लिए केवल अलग-अलग दौड़ शामिल की गई है।
इसके लिए न तो दंड-बैठक का प्रावधान है और न ही लंबी कूद, साइकिल दौड़ व पैदल चाल का। आवेदकों का कहना है कि पुलिस भर्ती के लिए शारीरिक दक्षता की शर्त तो समझ में आती है लेकिन ग्राम सेवक की भर्ती में शारीरिक दक्षता की शर्त और उसकी उपयोगिता समझ से परे है।
पुलिस भर्ती परीक्षा में शारीरिक दक्षता में केवल दौड़
4.8 किमी. (पुरुष)- 30 मिनट में
2.4 किमी. (महिला)-18 मिनट में
वेतनमान व ग्रेड पे समान
वेतनमान: 5200-20200- व ग्रेड पे-2000
ग्राम सेवक के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा
एक मील (1.6 किमी) दौड़:- 6-9 मिनट
शारीरिक व्यायाम: 15-25 दंड और 30-50 बैठक
लंबी कूद: 10-15 फीट तक
चार मील की साइकिल दौड़: 15 से 45 मिनट
दो मील पैदल चलना: 15 से 45 मिनट