नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वीआईपी गाड़ियों में लाल बत्ती और सायरन सायरन हटाए जाएं, क्योंकि यह नियमों के खिलाफ हैं| साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि ये सायरन ब्रिटिश राज की झलक भी देते हैं|
कोर्ट ने गृह मंत्री पी चिदंबरम का उदहारण देते हुए कहा कि चिदंबरम ने इस सुविधा से इंकार कर दिया था तो फिर मंत्रियों, नौकरशाहों और अन्य नेताओं को ये सुविधाएं क्यों दी जा रही हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकारों से कहा कि सभी वीआईपी गाड़ियों से सायरन हटाए जाएं, क्योंकि यह नियमों के खिलाफ हैं| कोर्ट ने संकेत दिया कि गाड़ियों पर लाल बत्तियों का दुरुपयोग रोकने के लिये शीघ्र ही आदेश पारित किया जायेगा|
न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति वी गोपाल गौड़ा की खंडपीठ ने कहा कि वीआईपी गाड़ियों में लाल बत्ती और सायरन के इस्तेमाल से ‘ब्रिटिश राज की झलक’ मिलती है| न्यायाधीशों ने सवाल किया कि जब गृह मंत्री के रूप में पी चिदंबरम ने इस सुविधा से इंकार कर दिया था तो फिर मंत्रियों, नौकरशाहों और नेताओं को ये सुविधायें क्यों दी जा रही हैं|
इससे पहले गृह मंत्री के रूप में पी चिदंबरम ने कहा था कि उन्हें अपने वाहन के लिये एस्कार्ट और सायरन की जरूरत नहीं है| गृह मंत्री के कामकाज के लिये यह जरूरी था, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जरूरत नहीं है| कोर्ट ने सरकारों (केंद्र और राज्य) को इन सुविधाओं का दुरुपयोग रोकने हेतु नियम बनाने के लिये चार सप्ताह का और समय देने से इनकार करते हुये कहा कि अब वह आवश्यक निर्देश देगा|
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न्यायाधीशों के मुताबिक, हमने उन्हें पर्याप्त समय दिया| आपने केन्द्रीय मोटर वाहन कानून के नियम 108 का उल्लंघन करने वाली अधिसूचना निरस्त क्यों नहीं की? हम यह अधिसूचना निरस्त करने जा रहे हैं| आपको सुनिश्चित करना होगा कि सारे सायरन हटाए जाएं|
कोर्ट ने इस सुविधा को निरस्त करने का आदेश दिया|