भाजपा में मेरी टक्कर का कोई प्रत्याशी नहीं- मुकेश राजपूत

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mukesh rajput- mithlesh agrawal- rajani sarin- susheel shakyaफर्रुखाबाद: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनैतिक दलों में टिकेट टिकेट का खेल चल रहा है| कोई किसी को दिलवा रहा है तो कोई किसी की कटवा रहा है| सपा के बाद भाजपा में भी टिकेट को लेकर घमासान आगामी कुछ दिनों में होने के आसार बन रहे है| अपने अपने समर्थको की बैठके करायी जा रही है| दावतो का दौर चल रहा है| कोई दाल बाटी खिला रहा है तो कोई ननिहाल महोत्सव मना रहा है| वैसे पिछले दिनों कायमगंज में मारपीट गाली गलौच महोत्सव भी हो चुका है|
ताजा मामला मंगलवार को शमसाबाद में हुई एक दावत के बाद टिकेट चर्चा पर राजनैतिक तीर छोड़ने का है| मुकेश के खिलाफ हुई दावत और टिकेट चर्चा के बाद मुकेश भी मुखर हो गए है| जेएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि ये दावत सुशील शाक्य द्वारा आयोजित की गयी थी| वैसे भी उनकी टक्कर का कोई नेता भाजपा में तो है नहीं| उल्टे जेएनआई से ही सवाल कर दिया कि “हो तो बताओ”? अपनी तुलना मोदी से करते हुए मुकेश का कहना है, विरोध तो मोदी का भी हो रहा है, जितना बड़ा नेता उतना बड़ा विरोध|
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पिछले सप्ताह दो दावते हुई| कल्याण सिंह द्वारा मेजर सुनील दत्त द्विवेदी को प्रत्याशी बनाये जाने की चर्चा के बाद मेजर समर्थको का भी सक्रिय हो जाना स्वाभाविक है| वैसे खबर ये है कि मेजर ने दिल्ली में कई दिनों तक डेरा डाल अपने लिए माकूल माहौल बना लिया है| फेसबुक से लेकर पार्टी के बड़े नेताओ को स्थानीय कार्यकर्ताओ द्वारा मेजर को सबसे बेहतर प्रत्याशी बताते हुए चिट्ठियां लिखी गयी है| वहीँ मेजर ने भी आवास विकास स्थित ब्रह्मदत्त द्विवेदी फाउंडेशन में एक दाल बाटी दावत दे डाली| हालाँकि इस पार्टी में वे अपनी टिकेट की चर्चा से काफी बचे| मगर ये पार्टी पत्रकारों को दी गयी थी| लिहाजा चिंगारी तो सुलगती ही रहेगी| इसके बाद टिकेट की एक और दावेदार डॉ रजनी सरीन ने अपने नाती के विदेश से ननिहाल आगमन पर एक शानदार पार्टी एक गेस्ट हाउस में दे डाली| कहा गया कि पार्टी व्यक्तिगत थी| वैसे दावते व्यक्तिगत ही होती है मगर राजनीती करने वालो के साथ जुड़े हर मुद्दे कहीं न कहीं राजनैतिक बन ही जाते है|
तीसरी दावत मंगलवार को भाजपा के मंडल अध्यक्षों की हो गयी| इसमें 18 मंडल अध्यक्ष इक्कठे हुए| स्थान था शमसाबाद| वैसे प्रायोजक शमसाबाद के चेयरमेन बताये जाते है| बैठक में चर्चा हुई कि दलबदलू मुकेश राजपूत को किसी भी कीमत पर भाजपा का प्रत्याशी नहीं बनने देना है| बैठक में ब्राह्मण प्रत्याशी अच्छा रहेगा ये मुद्दा भी उठेगा| मगर आज मुकेश राजपूत ने यह कहकर नयी बात खड़ी कर दी कि ये पार्टी
टिकेट के एक और दावेदारभाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील शाक्य ने करायी और अपने लिए माहौल बनाने का प्रयास किया| मुकेश का यह भी दावा है कि पार्टी में इक्कठे हुए मंडल अध्यक्ष सुशील शाक्य समर्थक ही थे| मुकेश का कहना है कि जिस नेता का जितना बड़ा विरोध है समझना चाहिए वो उतना बड़ा नेता है| वैसे अगर मुकेश की इस बात में में दम है की ये दावत सुशील शाक्य ने करायी, तो समझो भाजपाइयो को- खाना खर्चा एक का, विरोध किसी दूसरे का और समर्थन तीसरे का|