लखनऊ : बहुचर्चित नोएडा प्लाट आवंटन घोटाले में नोएडा प्राधिकरण की पूर्व सीईओ एवं प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव को हाईकोर्ट से एक और झटका मिला है| कोर्ट ने उनसे पूछा है कि आखिर कैसे उन्होंने सीईओ रहते प्लाट आवंटन को अंजाम दिया इसके साथ ही उनसे सवाल किया गया कि उनके कितने रिश्तेदारों को प्लाट दिए गए| सिर्फ इतना ही नहीं नोएडा प्राधिकरण से भी कोर्ट ने कई मामलों पर जवाब मांगे हैं|
नीरा का दामन और दाग
1971 बैच की आईएएस नीरा यादव यूपी की मुख्य सचिव के अलावा यूपी आईएएस एसोसिएशन की अध्यक्ष रह चुकी है। नीरा पूर्व आईपीएस व पूर्व मंत्री महेंद्र यादव की पत्नी हैं। जब महेंद्र भाजपा सरकार में माध्यमिक शिक्षा मंत्री थे, तब नीरा यादव उसी विभाग में प्रमुख सचिव थीं। नीरा पहली महिला आईएएस हैं जिनको सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2005 में भ्रष्टाचार के आरोपों में मुख्य सचिव पद से हटाया| आईएएस एसोसिएशन के चुनाव में नीरा को राज्य की सबसे भ्रष्ट अधिकारी माना गया| नीरा ने नोएडा अथॉरिटी की चेयरमैन रहते नियमों को ताक पर रख हजारों एकड़ जमीन का बन्दर बाँट कर डाला | दिसंबर 2010 को सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद ने सुनाई नीरा को 4 साल की सजा| इसके बाद नोएडा प्लाट आवंट घोटाले में कोर्ट ने नीरा और पूर्व मंडलायुक्त राजीव कुमार को 3-3 वर्ष की सजा सुनाई|
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