फर्रुखाबाद: सरकारी तंत्र को जीवितों की नहीं बल्कि उनकी चिंता ज्यादा है, जो अब इस दुनियां में ही नहीं हैं। तभी तो मोटा चश्मा लगाए कमर से झुकी जीती-जागती बुढ़िया अम्मा पेंशन के लिए परेड पर परेड किए जा रही हैं और विभाग है कि उनकी अनदेखी कर 7200 ऐसे लोगों को पेंशन भेजने में व्यस्त है जो स्वर्गवासी हो गए हैं। संबंधित विभागों ने 7212 मृतकों को इन योजनाओं में ‘स्वर्ग’ में पेंशन भेजा।
गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली विधवाओं, वृद्धों और विकलांगों को सरकार तीन-तीन सौ रुपये माहवार पेंशन के रूप में देती है। जबकि रानी लक्ष्मीबाई पेंशन योजना में चार सौ रुपये आर्थिक मदद मिलती है, ताकि ये गरीब अपना भरण पोषण कर सकें। योजना का लाभ पाने को लोग आवेदन तो करते हैं, लेकिन पेंशन उन्हीं की स्वीकृत होती है जो पंचायत सचिव, लेखपाल को साध लेते हैं। लेखपालों और पंचायत सचिवों की जिम्मेदारी है कि जब भी किसी पेंशन धारक की मौत हो तो इसकी सूचना संबंधित विभाग को दें, लेकिन वे ऐसा नहीं करते। नतीजतन जो स्वर्गवासी हो चुके हैं उनके खाते में भी पेंशन भेज दी गई। अभी तो इन योजनाओं में कानपुर मंडल में 7212 मृतकों के खाते में पेंशन भेजने का मामला पकड़ में आया है, लेकिन यह संख्या अभी बढ़ सकती है, क्योंकि सत्यापन का काम अब भी हो रहा है। वृद्धावस्था पेंशन में कानपुर मंडल में 5843 मृतकों को पेंशन दी गई है।
जून माह तक हुए सत्यापन में मामला खुला तो फिर अब उनके खाते से पेंशन की राशि मंगाने की कवायद शुरू कर दी गई है। साथ ही सूचना शासन को भेजी गयी है।