अधिवक्ताओं की हड़ताल आगामी सोमवार तक के लिये बढ़ी

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दरोगा एवं अधिवक्ताओं के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद पिछले लगभग दो सप्ताह से चल रही अधिवक्ताओं की हड़ताल आगामी सोमवार तक के लिये और बढ़ा दी गयी है। बहीं इस चल रही लम्बी हड़ताल के कारण तारीखों पर दूर दराज से आने बाले बादकारियों व वरिष्ठï अधिवक्ताओं को यह हड़ताल रास नहीं आ रही है।
कोतवाली फ तेहगढ़ में तैनात दरोगा पी एन शर्मा के साथ हुई मारपीट के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा करीव एक दर्जन ज्ञात और शेष अज्ञात अधिवक्ताओं के विरूद्घ मामला दर्ज कराया गया था। जब इस बात की जानकारी अधिवक्ताओं एवं बार एसोसिएशन को हुई तो उन्होने अधिवक्ताओं की एक आपात आम सभा बुलाकर सर्वसम्मति से लिये गये निर्णयों में अधिवक्ताओं के विरूद्घ दर्ज मुकदमें बापस हो और दरोगा के विरूद्घ भी पुलिसिया कार्यवाही की जाये आदि मांगों को लेकर हड़ताल की घोषणा कर दी गयी थी यह हड़ताल पिछली एक जुलाई से लगातार जारी है। यही नहीं नामजद अधिवक्ताओं के नाम एफ आईआर से बाहर करने के लिये सत्ताधारी पार्टी एवं जिले के अधिवक्ताओं का भारी दबाब भी जिला एवं पुलिस प्रशासन पर वना हुआ है। बहीं सूत्र बताते हैं कि नामजद एफ आईआर से कुछ अधिवक्ताओं के नाम बाहर भी निकाल दिये गये हैं। अधिवक्ताओं की हडताल को समाप्त करने के लिये मंगलबार को बार एसोसिएशन की एक बैठक अपरान्ह होनी थी लेकिन कोरम न पूरा होने केकारण यह बैठक अगले सोमवार तक के लिये स्थगित कर दी गयी है। आगामी 22 जुलाई सोमवार तक यह हड़ताल जारी रहेगी। बहीं हड़ताल के चलते अगर दूसरे पहलू को देखा जाये जिला एवं सत्र न्यायालय के विभिन्न न्यायालयों में लम्वित चल रहे अपने अपने मुकदमों की पैरवी के लिये दूर दराज से आने बाले बादकारियों एवं जिले के वरिष्ठï अधिवक्ताओं को अब इस हड़ताल से गुरेज सा होने लगा है। बह चाहते हैंकि यह हड़ताल जल्द से जल्द समाप्त हो और न्यायिक कार्य पूर्व की भांति चलें