Thursday, January 16, 2025
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HomeUncategorizedअवैध फीस न दे- वैसे भी खाली रहेंगी बीएड की 31000 सीटे

अवैध फीस न दे- वैसे भी खाली रहेंगी बीएड की 31000 सीटे

up bedलखनऊ: साल दर साल बढ़ते बीएड अध्ययन केंद्रों के सापेक्ष बीएड में पढ़ने वालों की संख्या में लगातार कमी ही हो रही है। अब जबकि पूल काउंसिलिंग की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है, जिसमें पहले हुई काउंसिलिंग के बाद खाली बचीं करीब 42,231 सीटों के लिए महज 12,620 अभ्यर्थियों ने ही प्रवेश में रुचि दिखाई। ऐसे में स्पष्ट है कि इस बार प्रदेश की 31 हजार से अधिक सीटें खाली रह जाएंगी।
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24 अप्रैल को प्रदेश के 1.20 लाख से अधिक बीएड की सीटों पर परीक्षा कराई गई। जिसके लिए 8 जून से 27 जून तक काउंसिलिंग और कालेज आवंटन की प्रक्रिया हुई। तीन चरणों में हुई काउंसिलिंग में चरण दर चरण अभ्यर्थियों की रुचि कम होती गई और इसके चलते शासन द्वारा पूर्व में घोषित 150000 रैंक तक के अभ्यर्थियों को ही काउंसिलिंग में शामिल किए जाने के नियम को शिथिल करते हुए 190000 रैंक तक के अभ्यर्थियों को भी आमंत्रित किया गया। इस कवायद के बाद भी करीब 42 हजार से ज्यादा सीटें खली रह गई। अब ऐसे में एक बार फिर नियमों में फेरबदल करते हुए उन सभी अभ्यर्थियों को आमंत्रित किया गया जिन्होंने प्रवेश परीक्षा दी हो, और न्यूनतम एक अंक पाया हो। लेकिन पूल प्रक्रिया के माध्यम से भी सीटें भरने की कोशिश लाभकर न हो सकी। परीक्षा नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूल काउंसिलिंग में करीब 26 हजार ने पंजीकरण कराया था लेकिन अंतिम रूप से महज 12,620 अभ्यर्थी ही सम्मिलित हुए।

10 जुलाई तक च्वाइस लाक,11 को आवंटन :

दो जुलाई से शुरू हुई पूल काउंसिलिंग की प्रक्रिया रविवार को संपन्न हो गई। संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा-2013 के राज्य समन्वयक प्रो. सुरेंद्र दुबे ने बताया कि पूल काउंसिलिंग में शामिल अभ्यर्थियों को अब 10 जुलाई की मध्यरात्रि तक अपनी पसंद के विश्वविद्यालय का विकल्प बताना होगा। इसके बाद 11 जुलाई को मेरिट के अनुसार उन्हें कालेज का आवंटन किया जाएगा।

ऐसे होगा च्वाइस लाक और आवंटन :

अब तक की काउंसिलिंग में अभ्यर्थी जहां पंसदीदा कॉलेज का विकल्प देते थे वहीं पूल काउंसिलिंग के अभ्यर्थी विश्वविद्यालय का विकल्प आनलाइन बताएंगे। यह प्रक्रिया 10 जुलाई रात 12 बजे तक हो सकेगी। चयनित विश्वविद्यालय से संबद्ध जिस भी महाविद्यालयों में सीटें खाली होंगी, वह सभी उसके खाते में स्वत: ही आ जाएंगी। कालेज आवंटन अभ्यर्थी की प्राथमिकता के विश्वविद्यालय, उपलब्ध सीटों और उसकी रैंक के आधार पर होगा।

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