नोएडा में फार्म हाउस चाहने वालों को भी लोकायुक्त का नोटिस

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lokayukt malhotraलखनऊ : नोएडा फार्म हाउस आवंटन की जांच कर रहे लोकायुक्त ने उन 153 आवेदकों को भी नोटिस जारी किया है जो फार्म हाउस हासिल करने से वंचित रह गये हैं। ऐसी कंपनियों के निदेशकों, प्रबंधकों से पूछा गया है कि उनका आवेदन किन कारणों से खारिज किया गया? फार्म हाउस आवंटन में गड़बड़ी के अगर कोई साक्ष्य उनके पास हैं तो वह उसे जांच में शामिल करा सकते हैं।

बसपा सरकार ने नोएडा में 10 हजार, 20 हजार और 30 हजार स्क्वायर मीटर के फार्म हाउसों का आवंटन किया था। आरोप है कि आवंटन प्रक्रिया में तीन सौ से अधिक कंपनियों व कुछ व्यक्तिगत लोगों ने आवेदन किया था। इनमें से 152 लोगों को फार्म हाउस आवंटित हुए। इनको आठ किश्तों में धन जमा करने की छूट दी गई। इस आवंटन और किश्त निर्धारण में खासी गड़बड़ी के आरोप लगे थे।

प्रदेश में सपा सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने फार्म हाउस आवंटन की जांच लोकायुक्त को सौंपी। लोकायुक्त कई महीनों से इस आवंटन प्रक्रिया की जांच कर रहे हैं। नोएडा के सीईओ से लेकर ओएसडी तक के बयान दर्ज हो चुके हैं। कुछ अधिकारियों के जल्द ही बयान दर्ज किये जाने हैं। जिन अधिकारियों ने लोकायुक्त के यहां बयान दर्ज कराया है, उन्होने ‘खुद के पाक-साफ होने, तत्कालीन सरकार के मंत्री व उसके आला अधिकारियों पर ठीकरा फोड़ा है।’ अब लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा ने उन 153 लोगों को नोटिस जारी किया है, जिन्होंने फार्म हाउस लेने के लिए आवेदन किया था।

सूत्रों का कहना है कि इनमें से 35 आवेदकों को 22 जुलाई तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है। बचे हुए आवेदकों को जवाब दाखिल करने के लिए 28 जुलाई तक का समय दिया गया है। नोटिस फार्म हाउस हासिल करने वाली कंपनियों के कार्यालयों के पते पर जारी की गई हैं।

नोटिस में आवेदकों से कहा गया है कि फार्म हाउस आवंटन से जुड़ी गड़बड़ी का साक्ष्य अगर उनके पास हैं तो वह उसे जांच में शामिल करा सकते हैं। यह भी बताएं कि किन कारणों से उनके आवेदन पत्र खारिज किये गये थे?

लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा का कहना है कि जांच को पारदर्शी बनाये रखने और सभी पक्षों को शामिल करने के लिए यह नोटिस जारी किया गया है। आवेदकों के बयान आने के बाद वह आगे की जांच की दिशा तय करेंगे।

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एक फर्म के खिलाफ प्रारंभिक रिपोर्ट जारी करने की तैयारी

लखनऊ: लोकायुक्त न्यायमूर्ति एनके मेहरोत्रा को फार्म हाउस हासिल करने वाली संस्था ग्रोवेल सर्विस के कई दस्तावेज फर्जी मिले हैं। इस कम्पनी के निदेशक मंडल के सदस्यों में बदलाव के तथ्य भी मिले हैं।सूत्रों का कहना है कि लोकायुक्त जल्द ही कंपनी के ख्रिलाफ प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सरकार को भेज सकते हैं।