लखनऊ : उत्तराखंड की त्रासदी में फंसे उत्तर प्रदेश के लोगों को लेकर विशेष सचिव राजस्व जी श्रीनिवास को गैर जिम्मेदाराना बयान देना महंगा पड़ गया। शासन ने गंभीर रुख अख्तियार करते हुए उन्हें उनके पद से हटाते हुए प्रतीक्षारत कर दिया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव उनकी संवेदनहीनता पर सख्त कार्रवाई के मूड में हैं और संभव है कि जल्द ही कड़ी कार्रवाई हो।
एनेक्सी के मीडिया सेंटर में गुरुवार को उत्तराखंड की आपदा में राहत और बचाव के बारे में जानकारी देने आये जी श्रीनिवास से पत्रकारों ने पूछा कि अब तक कितने लोगों की मौत हो चुकी है, तो उन्होंने कहा कि ‘जिंदा लोगों की गिनती नहीं हो पा रही तो मरने वालों की कहां से होगी।’ पहले श्रीनिवास ने बताया कि देहरादून में गाजीपुर की 63 वर्षीय गीता चतुर्वेदी की गुरुवार को मौत हो गयी। लखनऊ की 55 वर्षीया मधु की भी मौत हो गयी। मधु का शव आ चुका है, तभी उनसे उत्तराखंड में मरने वालों की संख्या पूछी गयी थी। ध्यान रहे कि अभी कुछ दिन पहले ही मौत के कारण के सवाल पर तत्कालीन गृह सचिव आरएन उपाध्याय की किस्सागोई ने शासन की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े किए थे। तब शासन ने गृह सचिव को भी प्रतीक्षारत कर दिया था और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी स्वत: संज्ञान लेते हुए उपाध्याय से जवाब-तलब किया है।
उत्तराखंड त्रासदी में यूपी के 762 लोग लापता : उत्तराखंड की त्रादसी में उत्तर प्रदेश के 762 लोग लापता हैं, जबकि अब तक 27 लोगों के शव मिल चुके हैं। जी श्रीनिवास ने बताया अभी तक यूपी के 762 लोग लापता हैं और उनकी तलाश की जा रही है। पुलिस महानिदेशक के पीआरओ नित्यानंद राय ने बताया कि इलाहाबाद में छह, मुजफ्फरनगर में दो और गढ़मुक्तेश्वर में दो शव मिले हैं। 17 शव पहले मिले थे। अब तक कुल 27 शव मिल चुके हैं। उन्होंने बताया कि शवों के डीएनए सेंपल के साथ ही उनके कपड़े भी सुरक्षित रखे जा रहे हैं।