बिधूना विधायक सपा से बर्खास्त, पहले पार्टी बाद में मौसा

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औरैया : बिधूना विधायक प्रमोद गुप्त एलएस को अनुशासनहीनता के आरोप में समाजवादी पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया है। इससे पूर्व विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर उन्होंने पार्टी में खलबली मचा दी थी। बकौल विधायक वह क्षेत्र में कानून व्यवस्था बिगड़ते जाने से आहत हैं। हालांकि उनका इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं हुआ है लेकिन इस्तीफे में छलके उपेक्षा के दर्द से सपा की अंदरूनी कलह सामने आ गई है।
ज्ञात हो कि उन्होंने जिन विधायक को बर्खास्त किया है वे उनके मौसा (मौसी के पति) भले ही हो मगर अखिलेश में पहले पार्टी देखी और बाद में रिश्तेदारी| प्रमोद गुप्ता को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया| नेता जी की पत्नी साधना गुप्ता के बहनोई प्रमोद गुप्ता विधुना से विधायक है| और कल उन्होंने कानून व्यबस्था के खिलाफ वयानबाजी की थी| आज मुख्यमंत्री ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया| घर का युद्ध अब सडको पर ..
Pramod Gupta
कानून व्यवस्था के सवाल पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को चुनौती देने वाले बड बोले सपा विधायक प्रमोद गुप्ता को समाजवादी पार्टी से 6 साल के लिये निष्कासित कर दिया गया। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बड बोले सपा विधायक के खिलाफ यह कार्यवाही उनके इस्तीफा देने के कदम उठाये जाने के बाद की गई है। प्रमोद गुप्ता ने कानून व्यवस्था का सवाल खडा करते हुये अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दिया था और अखबार नवीसो को बयान भी दिया था इसके सामने आने के बाद इस्तीफा तो स्वीकार नही किया गया बल्कि उल्टे उनके खिलाफ 6 साल के लिये निष्कासन की कार्यवाही करके विधायको को यह संदेश भी दे दिया है कि हद मे रहे।
बुधवार को दिये गये इस्तीफे की खबरे गुरूवार को सामने आने के बाद शुक्रवार देर शाम खुद मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रमोद गुप्ता को 6 साल के लिये निष्कासित कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि बिधूना विधायक प्रमोद गुप्त एलएस ने गुरुवार को इस्तीफे की पेशकश कर जिले में सपा की राजनीति में भूचाल ला दिया है। मुख्यमंत्री के दौरे पर होने के कारण विधायक ने उनके निजी सचिव को इस्तीफा सौंपा है। इस्तीफे में उन्होंने पार्टी के अंदर लगातार हो रही उनकी उपेक्षा और अधिकारियों द्वारा शासन की मंशा के अनुरूप काम न करने की बात कही है। विधायक का कहना है कि ऐसी स्थितियों में वह खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। असल में इस प्रकरण की जड़ जिला कार्यकारिणी के बड़े नेताओं और विधायक के बीच उपजा अंतरद्वंद्व है।

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हाल ही में विद्युत विभाग के एक्सईएन आरके गुप्त और बीएसए महेश चंद्र गुप्त का तबादला उनकी मंशा के विरुद्ध कर दिया गया। उसके बाद बिधूना कोतवाली प्रभारी प्रवेश राणा को भी लाइन हाजिर कर दिया गया। इन सभी प्रकरण ने विधायक को ऐसा कदम उठाने पर मजबूर किया। पूरे मामले पर विधायक ने कुछ भी कहने से न केवल इन्कार किया बल्कि आगे की प्रक्रिया को पार्टी हाईकमान पर छोड़ दिया गया।