शमसाबाद (फर्रुखाबाद): गंगा व रामगंगा में आयी बाढ़ ने तटवर्ती गांवों में तबाही मचानी शुरू कर दी है। शमसाबाद क्षेत्र के ग्राम सुतिहार, चितार व समैचीपुर के लगभग 50 घर गंगा की बाढ़ में समाने की कगार पर हैं। वहीं कुछ ग्रामीण अपने पक्के मकानों की ईंटों को साथ ले जाने के प्रयास में ईंटे निकालने में जुटे हुए है। एसडीएम कायमगंज बीडी वर्मा ने गांव में पहुंचकर लोगों को गांव खाली करने के निर्देश दिये।
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गंगा के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ ने मचायी तबाही में ग्रामीणों द्वारा घर मकान, ईंट गिट्टी, खटिया, बिस्तर सब कुछ गवांकर अपनी जान बचाने के लाले पड़े हुए हैं। एक तरफ प्रशासन द्वारा लगातार घर खाली करके अन्यत्र जाने की चेतावनी दी जा रही है तो दूसरी तरफ लोग अपनी जरूरत की अधिक से अधिक चीजें घरों से ले जाने में जान खपाये हुए हैं। वहीं कल कल बहती गंगा धीरे धीरे अपने आगोश में घरों को लेती जा रही है और लोग अपनी बर्बादी का तमाशा दूर खड़े होकर अपनी आंखों से देख रहे हैं।
ग्राम सुतिहार में तो तीन ओर से पानी भर जाने के कारण अब गांव का अस्तित्व रात तक खत्म हो जाने का अंदेशा जताया जा रहा है। ग्रामीणों का मानना है कि अब तक बाढ़ आती थी तो दो चार दिन लगते थे और वह लोग तब तक अपनी जरूरत की वस्तुओं को निकाल लेते थे। लेकिन इस बार इतनी जल्दी हुए कटान से कोई भी चीज नहीं निकाल पाये हैं। जिससे अब उनके खाने तक के लाले पड़ जायेंगे।
वहीं गंगा के किनारे के अन्य गांवों की बात करें तो दर्जनों गांवों में पानी भर चुका है। गन्डुआ, अकाखेड़ा, इकलहरा इत्यादि में भी पानी लगातार कटान कर रहा है। जिससे ग्रामीण अत्यंत भयभीत बने हुए हैं। लोग घरों में न रहकर घरों से बाहर हो रहे हैं। कटरी क्षेत्र में हजारों बीघा फसलों के साथ-साथ ग्रामीणों द्वारा तैयार की गयी रेती भी गंगा की बाढ़ में समा चुकी है। फिलहाल प्रशासन द्वारा बाढ़ चौकियों पर कर्मचारी तैनात कर हर पल की खबर देने के निर्देश दे दिये गये हैं। ग्रामीणों को भी चेतावनी दे दी गयी है कि वह लोग जल्द से जल्द अपने घरों को खाली करके सुरक्षित स्थान पर पहुंच जायें। अगले 24 घंटे तक पानी लगातार बढ़ने की संभावना जतायी जा रही है।