लखनऊ : सिंचाई मंत्री शिवपाल यादव ने बाढ़ निरोधात्मक कार्यो की समीक्षा कर स्थायी समाधान के लिए नई टीम गठित करने के निर्देश दिए। साथ ही अभियंताओं की कमी दूर करने के लिए पांच सौ इंजीनियरों की भर्ती किए जाने की जानकारी दी।
बैठक में कल मुख्य अभियंता व अधीक्षण अभियंताओं की मौजूदगी में मंत्री शिवपाल ने बताया कि विभाग में अभियंताओं की कमी दूर करने को 500 सहायक व अवर अभियंताओं की नियुक्ति लोक सेवा आयोग से करायी जाएगी। सिंचाई मंत्री ने अभियंताओं से अपने क्षेत्रों में रात्रि विश्राम करने और किसानों की समस्या प्राथमिकता से सुलझाने को कहा। बाढ़ निरोधक कार्य 30 जून तक पूरे करने की हिदायत दी। इसके लिए 515 करोड़ रुपये स्वीकृत होने के बारे में बताया कि अभी तक सिंचाई विभाग को 240 करोड़ तथा राजस्व विभाग की सीआरएफ योजना में 175 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
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बाढ़ निरोधात्मक कार्यो की प्रगति में सुस्ती पर चिंता व्यक्त करते हुए सिंचाई मंत्री ने कहा कि बचाव कार्य में अच्छी कम्पनी के जियोबैग इस्तेमाल किए जाने चाहिए। उन्होंने प्रदेश में डार्क ब्लाकों की बढ़ती संख्या पर कहा कि ऐसे ब्लाकों में नहरें निकालने की योजना तैयार की जाए। रिमोट सेंसिंग का सहयोग लेकर पानी का सदुपयोग करना होगा। इस बारे में जल्द एक कार्यशाला आयोजित की जानी चाहिए। गंगा यमुना व गोमती नदियों की सफाई को विशेष अभियान चलाने के निर्देश देते हुए सिंचाई मंत्री ने गंदे नालों का पानी नदियों में गिरने से रोकने पर जोर दिया। उन्होंने वर्तमान वित्तीय वर्ष में पांच लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्रों का विस्तार होने पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास जारी रखे जाएं। इस मौके पर राज्य मंत्री सुरेंद्र सिंह पटेल, केएस अटौरिया, प्रमुख सचिव दीपक सिंघल भी मौजूद थे।