टीचर की बजाय मोदी सरकार ने रखे ‘हेल्पर’, सुप्रीम कोर्ट सख्त| यूपी के शिक्षा मित्र जा सकते है कोर्ट

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नई दिल्ली। गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। गुजरात सरकार की विद्या सहायक स्कीम सुप्रीम कोर्ट के निशाने पर है। कोर्ट ने गुजरात सरकार की इस स्कीम के जरिए प्राइमरी स्कूलों में विद्या सहायकों की नियुक्ति करने की कड़ी आलोचना की है।
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सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जब देश में शिक्षा का अधिकार कानून लागू हो चुका है। ऐसे में स्कूलों में फुल टाइम यानी स्थायी टीचरों की नियुक्ति क्यों नहीं की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि विद्या सहायक के तौर पर नियुक्त हो रहे टीचर विद्या शत्रु ज्यादा हैं। इस मामले में कोर्ट ने मोदी सरकार से बुधवार तक जवाब तलब किया है।
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गुजरात टीचर यूनियन सरकार की विद्या सहायक स्कीम के खिलाफ पहले हाई कोर्ट गई थी। हाई कोर्ट ने गुजरात सरकार को फटकार लगाई थी और कहा था कि विद्या सहायकों को पहले दिन से टीचर का पे स्केल दिया जाए। इस फैसले के खिलाफ मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि महज ढाई हजार रुपये की सैलरी पर टीचर आखिर कैसे काम कर रहे हैं?
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