भारतीय लड़कियों में शादी से पहले कौमार्य सर्जरी का चलन बढ़ा

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दिल्ली: अपर क्लायस और लोअर क्ला स में दुल्हिन की वर्जिनिटी या कौमार्य कोई बड़ा मुद्दा भले ही नहीं हो, लेकिन मिडिल और अपर मिडिल में, खास तौर से रूढ़ीवादी परिवारों में अभी इन बातों को महत्वस दिया जाता है। भले ही यह जरूरी नहीं है कि वर्जिनिटी भंग होने का कारण शारीरिक संबंध ही हों, परंतु अगर शादी के बाद पता चलता है कि लड़की का कौमार्य यानी वर्जिनिटी पहले ही भंग हो चुकी है, तो शादी टूटने तक की नौबत आ जाती है। परंतु अब साइंस की तरक्कीौ तो देखिये, इसका हल भी अब डॉक्टनरों ने खोज निकाला है।

Brideअब तमाम लड़कियां अब योनिच्छद(हाईमेन) की सर्जरी (हाईमेनोप्लानस्टीा) करा कर खोई हुई वर्जिनिटी वापस प्राप्तई कर लेती हैं। खबर के अनुसार यह सर्जरी सिर्फ हाईक्लाकस की लड़कियां नहीं करवा रही हैं, बल्कि अपर मिडिल और मिडिल क्लारस की लड़कियां भी योनिच्छद की सर्जरी करा रही हैं।
एक चिकित्सीरय संस्थाकन द्वारा किये गये सर्वेक्षण के अनुसार लड़कियां यह सब मजबूरन कराती हैं, ताकि उनकी शादी-शुदा जिंदगी में कोई खलल नहीं आये। डॉक्टउरों का कहना है कि अपर क्लादस और लोअर क्लायस में वर्जिनिटी बड़ा मुद्दा नहीं, लेकिन मिडिल और अपर मिडिल में, खास तौर से रूढ़ीवादी परिवारों में इस बात का खयाल ज्याूदा रखा जाता है। वर्जिनिटी वापस लाने के लिये की जाने वाली सर्जरी एक प्रकार की प्ला स्टिक सर्जरी होती है, जिसमें ज्या्दा से ज्यािदा दस से पंद्रह हजार का खर्च आता है। चिकित्सी य रूप से यह सुरक्षित भी है। यही कारण है कि इसका प्रचलन भारत में तेजी से बढ़ रहा है।

इसमें पहले गायनाकोलॉजिस्टप एक रिपोर्ट तैयार करती है, जो प्लारस्टिक सर्जन के पास जाती है। सर्जन एक सर्जरी के माध्य्म से योनि की टूटी हुई झिल्ली को रिपेयर कर दिया जाता है। इसमें योनि की खाल से काटकर योनिच्छोद का निर्माण किया जाता है। साथ ही वह झिल्लीर भी तैयार कर दी जाती है, जिसमें से कौमार्य टूटते वक्तक खून बहा था। यह एक सुरक्षित सर्जरी होती है, जिसमें मात्र 2 दिन के लिये लड़की को अस्पेताल में भर्ती होना होता है। इसी प्रकार की एक हाइमेनोप्लाास्टी होती है, जो बलात्काहर की शिकार लड़कियों में की जाती है, ताकि उनका कौमार्य वापस आ सके।

आम तौर पर लोग सोचते हैं कि यौन संबंध स्थाौपित होने से ही कौमार्य भंग होता है। जबकि ऐसा नहीं है। कभी-कभी व्याायाम करते वक्त।, साइकिल चलाते वक्तक, या खेलते वक्तज भी ऐसा संभव है। ऐसा होने पर जब लड़की की शादी की बात आती है, तो वो तनावग्रस्तय हो जाती है। यदि उसकी शादी किसी रूढ़ीवादी परिवार में हो गई, तो पति के ताने तक सुनने पड़ते हैं।

इस आपरेशन से लड़कियां घबराती हैं, क्यों कि उन्हेंे डर होता है कि कहीं उनकी पहचान का खुलासा न हो जाये। लेकिन इस मामले में लगभग सभी क्लीानिक नियमों का पालन करते हुए कभी लड़की की पहचान किसी अन्यल व्यखक्ति को नहीं बताते, फिर चाहे लड़की के पिता ही क्योंो न पूछने आ जायें। कई मामलों में देखा गया है, कि मां-बाप खुद अपनी बेटी को लेकर आते हैं, इस सर्जरी के लिये। वैसे यह अच्छाी भी है, वर्जिनिटी भंग होने का कारण कुछ भी रहा हो, यदि मां-बाप साथ हैं, तो लड़की का मनोबल टूटता नहीं है।