फर्रुखाबाद: कभी शहर की शान समझे जाने वाले दीपक व किरन सिनेमा जमाने के साथ वीरान हुए और आज खंडहर हो गये हैं। इनके मालिक भल्ला परिवार ने पहले जमीन का सौदा नगर पालिका अध्यक्ष वत्सला अग्रवाल के नाम 5 करोड़ 30 किया था। वहीं बाद में एक विधायक जी ने इसमें खेल कर दिया। भल्ला परिवार से उनके माध्यम से एक अन्य पार्टी ने 5 करोड़ 40 लाख में सौदा कर दिया। दोनों के साथ लिखित एग्रीमेंट किया गया। मजे की बात है कि भल्ला ने 21 लाख रुपया वत्सला से भी ले लिया और दूसरी पार्टी से भी 11 लाख रुपया ले लिया। दूसरे सौदे की जानकारी पर वत्सला अग्रवाल की ओर से न्यायालय में दायर वाद में कोर्ट ने भल्ला को 30 लाख रुपये की जमानत जमा करने के आदेश कर दिये हैं।
एक जमाना था कि शहर के अमीर से लेकर गरीब तक अपनी हैसियत और रुचि के अनुसार सिनेमा देखने जाया करते थे। परिवार सहित सिनेमा देखने जाने का क्रेज ही कुछ और था। कालेज से क्लास बंक कर पिक्चर जाने का एडवेंचर ही कुछ और हुआ करता था। जमाना बदला, सीडी और डीवीडी के बाद कंप्यूटर और लैपटाप तक आते आते सिनेमा हाल जाने का तो जैसे चलन ही समाप्त हो गया। धंधे की मंदी के चलते सिनेमा घर बंद होने लगे। शहर के बीचो-बीच स्थित कीमती भूखंडों पर बने इन सिनेमा घरों को तोड़ कर अन्य व्यवसायिक मदों में उपयोग की लालच में ग्राहकों की मांग को देखते हुए भल्ला ने यह जमीन बेचने का निर्णय किया। वत्सला अग्रवाल के नाम पर यह सौदा 5 करोड़ 30 लाख रुपये में हुआ। बयाने के तौर पर 21 लाख रुपये पेशगी जमा किये गये। परंतु बाद में सौदे में एक विधायक जी के माध्यम से एक अन्य पार्टी ने सौदे में सेध लगा दी। मात्र 10 लाख रुपये अतिरिक्त पर 5 करोड़ 40 लाख रुपये में सौदा हो गया और 11 लाख रुपये इससे भी बयाने के तौर पेशगी भल्ला ने वसूल कर लिये। इध बेचारी वत्सला अग्रवाल निर्धारित तिथि पर बैनामा कराने के लिये रजिस्ट्री कार्यालय पर भल्ला का इंतजार कर के लौट आयीं परंतु विक्रेता के न आने के कारण बैनाम न हो सका। आखिर बयाने के 21 लाख डूबते देख वत्सला ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
न्यायाल ने सुनवाई के दौरान अंतिम आदेश तक भल्ला को 18 मई तक 30 लाख रुपये की प्रतिभूति न्यायालय में जमा करने के आदेश कर दिये हैं। ऐसा न किये जाने की स्थिति में सप्पत्ति का न्यूनतम 30 लाख रुपये कीमत का भाग कुर्क कर लेने के भी निर्दश दिये गये हैं। वत्सला अग्रवाल के पति व विधान परिषद सदस्य मनोज अग्रवाल ने बताया कि पूरा मामला धोख-धड़ी का है। एग्रीमेंट में 8800 वर्गमीटर जमीन का सौदा हुआ था, जबकि मौके पर जमीन भी मात्र 6200 वर्गमीटर ही निकली है।
मजे की बात है कि अब दूसरी पार्टी भी जिसने बाद में एग्रीमेंट कराया वह भी बैनाम कराने में आना कानी कर रही है। भल्ला को अब वत्सला से लिये गये बयाने की रकम वापसी तक के लाले पड़े हैं।