हरिद्वार। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि संतों के बीच बैठना सम्मान की बात है और आज उन्हें उनके चरणों में बैठने का अवसर मिला हैं। कुंभ मेले में नहीं पहुंच पाने पर अफसोस जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि वह किसी प्लानिंग के तहत नहीं घूम रहा हूं। इसके साथ ही उन्होंने योगगुरु बाबा रामदेव के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि कपालभाति से कपाल भ्रांति दूर होगी।
हरिद्वार में बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ में एक शिक्षण संस्थान के शुभारंभ के मौके पर उपस्थित संतों को संबोधित करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संतों के चरणों में बैठना बहुत बड़ा सौभाग्य है.
बाबा रामदेव के मंच से बोलते हुए मोदी ने कहा कि देश निर्माण में संतों की अहम भूमिका है. मोदी ने कहा कि वो हर कुंभ मेले में गए हैं लेकिन इस बार के कुंभ मेले में वो नहीं जा सके जिसकी पीड़ा उनके मन में है. उन्होंने कहा, ‘मैंने आज तक नहीं देखा कि कभी किसी संत ने सरकार से कुछ मांगा हो. संत मांगने वाले नहीं देने वाले लोग हैं|
हरिद्वार में आचार्यकुलम के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संत मांगने वाले नहीं देने वाले होते हैं। उन्होंने कहा कि किसी संत ने मुझसे आज तक कुछ नहीं मांगा हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में संतों की भूमिका अहम हैं। उन्होंने कहा कि रामदेव ने बनाया विश्व रिकॉर्ड बनाया हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वह किसी योजना के तहत देश का भ्रमण नहीं कर रहे हैं।
इससे पहले आचार्यकुलम के उद्घाटन के अवसर पर योगगुरु रामदेव समेत सभी संतों ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का बागडोर सौंपने की पैरवी की। बोले, अब देश को धर्मात्मा शासन और धर्मात्मा शासक की जरूरत है।
बाबा रामदेव ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट आचार्यकुलम के उद्घाटन के अवसर पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने मोदी को बगैर भगवा का फकीर की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि मोदी संघर्ष में तपे मोती हैं। जब-जब रामदेव मोदी का नाम ले रहे थे, हॉल में बैठे हजारों लोग तालियां बजाते हुए जयघोष करने लगते थे। इस पर उन्होंने कहा कि लोगों के उत्साह और जयघोष से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है उन्हें लोग कितना प्यार करते हैं। बाबा ने कहा कि मोदी किसी विशेष खानदान से या विरासत संभालने के लिए राजनीति में नहीं आए हैं। उन्होंने अपने काम से करोड़ों लोगों का प्यार हासिल किया है। योगगुरु ने कहा कि यह देश की अब तक की सबसे कमजोर सरकार है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन हमें आंखें दिखा रहा है और हम चुपचाप बैठे हुए हैं। देश का लाखों करोड़ काला धन विदेशों में जमा है और उसे वापस लाने के लिए सरकार कोई उपाय नहीं कर रही है।
कार्यक्रम में रमेश भाई ओझा ने कहा कि सत्ता की सर्वोच्च कुर्सी योग्य व्यक्ति ढूंढ रही है। मेरी प्रार्थना है कि उसे नर इंद्र (मतलब नरेंद्र, नरेंद्र मोदी) ही मिले। बाबा रामदेव ने कहा कि देश निर्माण में गुजरात का अहम योगदान रहा है और रहेगा। महात्मा गांधी, पटेल के बाद अब नरेंद्र मोदी की बारी हैं। संत व्यवस्था परिवर्तन के लिए लामबंद हो गए हैं।
कार्यक्रम में बाबा रामदेव व बालकृष्ण के अलावा स्वामी चिदानंद, प्रणव पांड्या, मोरारी बापू, हरिचेतनानंद, रविंद्रपुरी, योगी आदित्यनाथ समेत 32 संत मंच पर हैं मौजूद। अभी संत रख रहे हैं विचार।
इस कार्यक्रम में देश के जाने-माने संतों के अलावा लगभग 50 हजार लोग शामिल हुए। कहा जा रहा है कि बाबा रामदेव ने इस कार्यक्रम के माध्यम से मोदी की प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को धार देने की कोशिश की।
भाजपा में भले ही मोदी की पीएम पद की उम्मीदवारी पर मुहर नहीं लगी है लेकिन योगगुरु उनके समर्थन में खुलकर सामने आ गए हैं। रामदेव ने साफ कहा कि जहां चारों ओर भ्रष्टाचार और अविश्वास फैला हुआ है ऐसे में मोदी ही एक विश्वास की किरण के तौर पर नजर आ रहे हैं। भले ही ये एक आध्यात्मिक कार्यक्रम है लेकिन जिस तरह से बाबा रामदेव मोदी को हनुमान कहकर यूपीए की लंका जलाने की बात कह रहे हैं इसके बाद से ये संकेत मिल रहे हैं कि ये योग का ये मंच भी राजनैतिक अखाड़ा बन सकता है। योग के बहाने मोदी को गुरुमंत्र दिया जाएगा।