होमगार्ड मंत्री ने की डीजी समेत सात के निलंबन की संस्तुति

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homgaurd minister brahmshankar tripathiलखनऊ : प्रदेश के होमगार्ड्स मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी ने होमगार्ड विभाग के पूर्व डीजी अतुल समेत सात अधिकारियों के निलंबन की संस्तुति करते हुए गृह विभाग और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने स्तर से विभाग के दो लिपिकों को भी निलंबित कर दिया है। विभागीय मामले में उच्च न्यायालय के निर्देशों की उपेक्षा करने पर मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस मिलने के बाद मंत्री ने यह कदम उठाया है।

मंत्री ने मौजूदा समय में पीएसी के डीजी (तत्कालीन डीजी होमगार्ड) अतुल के निलंबन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए गृह विभाग को पत्र लिखा है, जबकि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एसएस प्रसाद, रूदल सिंह और एससी त्रिपाठी (डीआइजी स्तर के अधिकारी) के निलंबन के लिए मुख्यमंत्री को लिखा है। मंत्री ने दो लिपिकों रंजीत और बलराम को अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए निलंबित कर दिया है।
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क्या है मामला : कुशीनगर के अवैतनिक प्लाटून कमांडर श्रीकृष्ण यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की कि होमगार्ड से पुलिस की तरह काम लिया जाता है तो उन्हें वेतन और भत्ते भी पुलिस की तरह दिए जाएं। उन्होंने मुख्य सचिव को पार्टी बनाया। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को नोटिस भेजकर आख्या मांगी। मुख्य सचिव ने विभाग को पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। विभागीय स्तर पर कोई पहल नहीं हुई और फिर हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस भेज दी। मुख्य सचिव ने डीजी होमगार्ड को पत्र लिखा कि इसमें जिनका दोष है, उन्हें चिन्हित कर निलंबित किया जाय। उन्होंने अपनी ओर से शासन के संयुक्त सचिव अजय श्रीवास्तव, अनुसचिव देशराज सिंह और समीक्षा अधिकारी वर्मा को चिन्हित किया। इस दौरान डीजी मुख्यालय ने जांच के बाद वरिष्ठ स्टाफ अफसर एसएस प्रसाद के निलंबन के लिए लिख दिया। यह जांच रूदल सिंह ने की थी। मंत्री और प्रमुख सचिव के पास फाइल गयी तो मंत्री ने लिखा कि एसएस प्रसाद को दोषी नहीं हैं। वह डाकिया की भूमिका में थे। मंत्री ने अपने स्तर से परीक्षण कराया तो पाया कि प्राथमिक जिम्मेदारी रूदल सिंह की ही थी। इस दौरान रूदल का तबादला आगरा कर दिया गया। उनकी जगह एससी त्रिपाठी मुख्यालय पर तैनात किये गये। एससी त्रिपाठी ने भी अपनी रिपोर्ट में एसएस प्रसाद को दोषी करार दिया। इस तरह त्रिपाठी ने भी अपनी भूमिका सही निर्वहन नहीं किया। इसके बाद मंत्री ने डीजी पर मामले की अनदेखी का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और यह प्रक्रिया शुरू हुई।
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जो भी गलती करेगा चाहे वह छोटा अधिकारी हो या बड़ा सबके खिलाफ कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री लगातार अफसरों को सुधरने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन बार बार चेतावनी के बावजूद अपनी कार्यप्रणाली बदल नहीं रहे हैं। इस तरह की कार्रवाई से अनुशासन बहाल होगा।’

– ब्रह्माशंकर त्रिपाठी

मंत्री होमगार्ड्स विभाग
मेरे निलंबन के लिए मंत्री ने क्या लिखा है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। मुझसे न किसी ने बातचीत की और न ही कोई पूछताछ की। मैं यह भी नहीं जानता कि किस आधार पर मेरे निलंबन के लिए लिखा गया।’

– अतुल

डीजी पीएसी, पूर्व डीजी होमगार्ड्स