लखनऊ। प्रदेश में देर से ही सही पर इस बार समय से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) कराने पर सहमति बन गई है। इसके लिए 25 अप्रैल तक विज्ञापन निकालकर ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। विज्ञापन निकलने से 21 दिन तक आवेदन लिए जाएंगे। मई में परीक्षा कराने और जून तक परिणाम निकालने की तैयारी है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने इसके आधार पर प्रस्ताव भेजा है। मोअल्लिम-ए-उर्दू और अलीगढ़ विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन टीचिंग करने वालों के लिए अलग से परीक्षा कराई जाएगी। इस संबंध में एक-दो दिन में शासनादेश जारी करने की तैयारी है।
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शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश में नवंबर 2011 में टीईटी आयोजित कराई गई थी। इसमें धांधली की शिकायत पर तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक संजय मोहन को गिरफ्तार कर लिया गया। राज्य सरकार इसके बाद टीईटी आयोजित कराने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। इस साल टीईटी की तैयारियां शुरू हुई तो मोअल्लिम वालों ने विवाद खड़ा कर दिया। वे शिक्षक तो बनना चाहते हैं पर टीईटी नहीं देना चाहते।
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मोअल्लिम के लिए निकाला बीच का रास्ता
बेसिक शिक्षा विभाग ने मोअल्लिम वालों के लिए बीच का रास्ता निकाला है। इनके लिए अलग से टीईटी कराई जाएगी। इसमें केवल भाषा अनुवाद और कुछ मामूली सवाल होंगे। एससीईआरटी ने इसके आधार पर ही प्रस्ताव बनाया है। इसके मुताबिक सामान्य टीईटी अलग होगी और मोअल्लिम वालों के लिए अलग। परीक्षा दो शिफ्टों में आयोजित की जाएगी। पहली पाली में प्राइमरी और दूसरी पाली में उच्च प्राइमरी के लिए होगी। परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। आवेदन की तिथि समाप्त होने के कुछ दिनों बाद ही परीक्षा करा ली जाएगी। परीक्षा की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी की होगी