कुंडा कांड: सीओ पिट रहे थे और एसओ बातों में बिजी थे

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CBI in Kundaलखनऊ: सीओ जियाउल हक की मौत के मामले में सीबीआई जांच में एक नया खुलासा हुआ है। सीबीआई ने पाया है कि जिस समय सीओ जियाउल हक को गांव वालों ने घेरकर हमला किया हुआ था, उस समय एसओ हथगवां मनोज कुमार लखनऊ में पूर्व मंत्री व उनसे जुड़े लोगों से लगातार संपर्क में बने हुए थे।

सीबीआई इसे आधार बनाते हुए तत्कालीन थाना प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को लेटर भेजने की तैयारी में है।

सीबीआई का कहना है कि एसओ के मोबाइल की काल डिटेल से यह साबित हो रहा है कि उसने सीओ को सावधान करने के बजाय अपने आकाओं को स्थिति से अपडेट रखने में अधिक रुचि दिखाई।

इसके विपरीत जब सीओ जियाउल हक गांव वालों के बीच फंस गए थे और पुलिस वाले उन्हें अकेला छोड़ कर भाग गए थे तब एसओ हथगवां ने आला अफसरों को यह बताया था कि उन्हें सही स्थिति नहीं पता लग सकी थी और वह सीओ को वास्तविक स्थिति से अवगत नहीं करा सके थे।एसओ ने यह भी बयान दिया था कि वह दूसरे रास्ते से गांव पहुंचा था जहां से सीओ दूर थे और कोशिश करके भी वह सीओ से संपर्क स्थापित कर उन्हें चौकन्ना नहीं कर सका।
सीबीआई के अफसरों का कहना है कि अगर मोबाइल पर संपर्क नहीं हो पा रहा था तो एसओ वायरलेस हैंडसेट के जरिए सीओ से संपर्क कर सकता था।सीओ के बजाय उनके साथ मौजूद पुलिसकर्मियों के मोबाइल फोन पर आगाह किया जा सकता था। लेकिन एसओ ने ऐसा नहीं किया। वजह यह कि उसका फोन लगातार व्यस्त चल रहा था।

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काल डिटेल में सामने आया है कि एसओ की पूर्व मंत्री व उनके समर्थकों से लगातार बात चल रही थी। सीबीआई ने एसओ को सीओ की मौत के लिए गंभीर रूप से जिम्मेदार माना है और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की सिफारिश करने जा रही है।

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