नई दिल्ली. सपा सांसद शैलेंद्र यादव ने कहा है कि डीएमके के समर्थन वापसी के तुरंत बाद एमके स्टालिन के घर पर सीबीआई का छापा जरूर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने सपा के खिलाफ सीबीआई का इस्तेमाल करने के सवाल पर कहा कि कांग्रेस उन्हें सीबीआई की धौंस नहीं दे सकती है। उन्होंने कहा कि सपा इससे डरने वाली नहीं है। शैलेंद्र के मुताबिक सपा के सभी नेता ईमानदार हैं। वहीं बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि कांग्रेस के पास बहुमत नहीं सीबीआई है। कांग्रेस राजनीतिक दलों को सीबीआई का डर दिखा रही है।
चौंकाने वाली बात यह सामने आ रही है कि सीबीआई छापों के बारे में सीबीआई निदेशक और संबंधित मंत्री को भी इसकी जानकारी नहीं थी। सीबीआई निदेशक खुद इस बात की जांच करेंगे कि कैसे गुरुवार को सीबीआई की टीम स्टालिन के घर छापामारी के लिए पहुंच गई। वहीं संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ और वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने छापों की कार्रवाई की निंदा की है। चिदंबरम ने कहा है कि वह सीबीआई के छापों की कार्रवाई को खारिज करते हैं।
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डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि के केंद्र सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा के दो दिन और डीएमके मंत्रियों के इस्तीफे के अगले ही दिन सीबीआई ने एमके स्टालिन के घर धावा बोल दिया। गुरुवार सुबह साढ़े पांच बजे सीबीआई की टीम स्टालिन के चेन्नई स्थित घर पर पहुंच गई। करुणानिधि के बेटे स्टालिन के घर सीबीआई विदेशी गाड़ी की तलाश में पहुंची। इस गाड़ी पर ड्यूटी नहीं चुकाने का आरोप है। जानकारी के मुताबिक इस मामले की जांच डीआरआई कर रही थी और उसने सीबीआई से मदद मांगी थी। करीब चार घंटे तक जांच करने के बाद सीबीआई टीम वापस लौट गई।
सीबीआई जिस विदेशी गाड़ी हमर की तलाश में पहुंची, उसे स्टालिन के बेटे उदयनिधि चलाते हैं। उनके पास यह गाड़ी एक साल से है, लेकिन सीबीआई ने अब यह सख्त कदम उठाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीबीआई को 20 करोड़ रुपये की की करीब डेढ़ दर्जन विदेशी गाड़ियों की तलाश है। इनकी जांच में सीबीआई ने 19 जगहों पर छापेमारी की है। सीबीआई ने स्टालिन के अलावा अभिनेता विजयकांत के घर पर भी छापा मारा। उन पर रोल्स रॉयस कार पर ड्यूटी नहीं देने का आरोप है। इसके अलावा डीआरआई के तीन अधिकारियों से भी पूछताछ की गई है।
गुरुवार सुबह सीबीआई की टीम के स्टालिन के घर पहुंचने पर वहां डीएमके समर्थकों की भारी भीड़ लग गई। डीएमके समर्थक सीबीआई के पहुंचने से नाराज हैं। उन्होंने सीबीआई के खिलाफ नारेबाजी भी की। स्टालिन ने इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताया है। उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि उन्हें क्यों निशाना बनाया जा रहा है और वे कानूनी प्रक्रिया का सामना करने को तैयार हैं।
श्रीलंका में तमिलों के कथित नरसंहार के मसले पर डीएमके ने सरकार से हाथ खींचा है। बुधवार को इस मसले पर नारेबाजी करते हुए डीएमके की सांसद वसंती स्टेनली राज्यसभा ही बेहोश होकर गिर पड़ीं थीं। डीएमके के सरकार से हाथ खींचने के बाद केंद्र सरकार पर सपा ने भी शिकंजा कस दिया है। केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के बयानों से मुसीबत में पड़ी सरकार से अगर सपा ने भी हाथ खींच लिए तो उसके लिए बहुमत में बने रहना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में स्टालिन के घर जिस समय सीबीआई ने धावा बोला है, उसे लेकर एक बार फिर सरकार पर सीबीआई के दुरुपयोग के आरोप लग रहे हैं।
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