साक्षरता के नाम पर 33 लाख बजट का बंदर बांट: आखिरी कील ठुकेगी 17 को

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GHOTALAFarrukhabad: योजना के अंतर्गत आये 33 लाख के बजट के बंदर बांट के लिये बेसिक शिक्षा विभाग साक्षर भारत मिशन के अन्‍तर्गत दिनॉंक 17 मार्च 2013 को साक्षरता परीक्षा का आयोजन करने जा रहा है। मजे की बात है कि विभाग के पास न तो नवसाक्षरों का कोई सर्वे है और न ही पहचान। विद्यायलयों के प्रधानाध्‍यापकों से छह-छह वयस्‍कों को बुलाकर परीक्षा कराने के निर्देश दिये गये हैं। ऐसा ही एक ड्रामा विगत 26 अगस्‍त को भी विभाग कर चुका है। परंतु तब निर्धारित 14000 परीक्षार्थियों का लक्ष्‍य पूर्ण नहीं हो पाया था। सो लक्ष्‍य से कम रह गये 3 हजार कापियां और पूर्ण करने के लिये आगामी 17 मार्च को फिर कवायद की जायेगी। उल्‍लेखनीय है कि विगत परीक्षा में तत्‍कालीन डायट प्राचार्य ने एक बीए पास को भी नवसाक्षर परीक्षा देते पकड़ा था।

राष्‍ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा राष्‍ट्रीय मुक्‍त विद्यालयी शिक्षा संस्‍थान, नोएड के सहयोग से बुनियादी साक्षरता कार्यक्रम के अन्‍तर्गत 17 मार्च 2013 को साक्षरता परीक्षा का आयोजन कराया जायेगा। उक्‍त आयोजित परीक्षा में प्रत्‍येक ग्राम पंचायत से 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग सम्‍मिलित होगें जो पूर्व साक्षरता कार्यक्रमों में वह महिला पुरूष, जो नव साक्षर, अर्द्वसाक्षर रहे हों अथवा 15 वर्ष से अधिक आयु  के वह महिला, पुरूष जो कक्षा 02, 03, 04 के ड्राप आउट हों। परीक्षा में सम्मिलित होगें, परीक्षा का मूल्‍याकंन इस प्रकार होगा-
पढ़ना-50 अंक, लिखना-50 अंक, अंक ज्ञान-50 अंक। परीक्षा सम्‍पन्‍न होने के उपरान्‍त परीक्षार्थियों को राष्‍ट्रीय साक्षरता मिशन भारत सरकार एवं राष्‍ट्रीय मुक्‍त विश्‍विद्यालयी शिक्षा संस्‍थान, नोएडा उ0प्र0 द्वारा परीक्षाफल/प्रमाण पत्र दिया जायेगा। परिणाम 60 प्रतिशत से अधिक पर अच्‍छा, 40 – 60 के मध्‍य संतोषजनक, 40 प्रतिशत से कम सुधार की आवश्‍यकता का प्रमाण पत्र दिया जायेगा।

विदित है कि कार्यक्रम के लिये कुल 33 लाख रुपये का बजट प्राप्‍त हुआ था। नवसाक्षरों को बाकायदा सर्वेक्षण कराने के बाद चिन्‍हिंत किया जाना था। कुल 14 हजार नवसाक्षरों की परीक्षा कराने के बाद उनको शिक्षा की मुख्‍य धारा में सम्‍मिलित किया जाना था। विगत 26 अगस्‍त 2012 को आनन फानन में बिना किसी चिन्‍हांकन या सर्वेक्षण के परीक्षा का आयोजन कर लिया गया। बजट हड़पने के लिये परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्‍यापकों को निर्देश दिये गये कि आस पास के लोगों को बुला कर परीक्षा करा दी जाये। इसके लिये जनपद स्‍तर पर परीक्षा पुस्‍तिकायें मुद्रित कराकर वितरित कर दी गयीं। हद तो यह है कि परीक्षार्थियों के लिये पेन आदि की व्‍यवस्‍था के लिये जो पैसा आया था वही भी विभागीय अधिकारी घोंट गये। इसके बावजूद 14 हजार की परीक्षा का लक्ष्‍य अधूरा ही रह गया। मात्र 11 हजार लोगों की ही परीक्षा करायी जा सकी। सबसे मजेदार तो यह रहा कि निरीक्षण के दौरान तत्‍कालीन डायट प्राचार्य सुमित्रा गर्ग ने एक विद्यालय में एक स्‍नातक परीक्षार्थी को नवसाक्षर के तौर पर परीक्षा देते पकड़ लिया। बाकायदा रिपोर्ट की गयी परंतु बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कोई कार्रवाई तक करना मुनासिब नहीं समझा। यही व्‍यवस्‍था इस बार भी रहने वाली है। न तो विभाग के पास सूची है कि किसकी परीक्षा करायी जानी है और न ही प्रधानाध्‍यापकों के पास। बस किसी प्रकार परीक्षा की औपचारिकता पूर्ण कर बजट की बंदरबांट करने का इंतजार है।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के अनुसार परीक्षा हेतु जनपद में 3000 परीक्षार्थियों हेतु प्रश्‍नपुस्तिकाऍ जनपद स्‍तर पर प्राप्‍त हो चुकी है,  उक्‍त परीक्षा के अध्‍यक्ष प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्‍थान की अध्‍यक्षता में आयोजित की जायेगी।