FARRUKHABAD : सफाई कर्मचारी आंदोलन के बैनर तले लगभग दो दर्जन सफाई कर्मचारियों ने जिलाधिकारी को पत्र सौंपकर मांग की कि जनपद में मैला ढोने की प्रथा पर रोक लगाने के बाद बेरोजगार हुए सफाई कर्मचारियों के पुनर्वास की व्यवस्था की जाये। इसके साथ ही जो सफाईकर्मी अभी भी मैला ढोने में लगे हैं उनको भी इस घृणित पेशे से मुक्त किया जाये।
कर्मचारियों ने कहा कि उन्होंने जनपद में सर्वे किया है जिसमें पाया कि 650 सफाई कर्मचारी अभी भी सिर पर मैला ढोने का कार्य कर रहे हैं। जिसके साथ ही प्रशासन भले ही शुष्क शौचालयों को कागजों में तुड़वा चुका हो लेकिन सफाई कर्मियों ने दावा किया कि जनपद में अभी भी 4731 शुष्क शौचालय संचालित हैं। जोकि उनके सर्वे में सत्यापित भी हुआ है। कर्मचारियों ने जिलाधिकारी पवन कुमार से मांग की कि इन शुष्क शौचालयों को तुड़वाकर जल प्रवाहित शौचालयों में तब्दील कराया जाये। वहीं मैला ढोने से बेरोजगार हुए सफाई कर्मचारियों को नौकरी देने के साथ ही उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाये।
[bannergarden id=”8″]
इस दौरान वेजवाड़ा विल्सन, सुजीत कुमार राही, रेनू छाछर, कृष्ण गोपाल, सुजीत कुमार, अमित कुमार, ऋषी कुमार, विजय अनुरागी, सर्वेश कुमार, रिंकू देवी शीला, सुशीला, सकीला, कमला, सावित्री, शशी, उर्मिला, खुशबू, सरिता, अमित, विशाल, जितेन्द्र, भारत, विक्की आदि मौजूद रहे।