विभाग नहीं बीएसए की निजी दुकान बन गया है बेसिक शिक्षा विभाग

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फर्रुखाबाद- बेसिक शिक्षा विभाग सरकारी कार्यालय नहीं बल्‍कि बीएसए भगवत पटेल की व्‍यक्‍तिगत दुकान है। यहां पर कितने कर्मचारी उनकी व्‍यक्‍तिगत ‘अनुकंपा’ पर बिना काम किये घर बैठे वेतन ले रहे हैं, यह जानने का किसी को अधिकार नहीं है। इस संबंध में पूछा गया कोई भी सवाल व्‍यक्‍तिगत एकांतता का उल्‍लंघन होता है। कम से कम बेसिक शिक्षा अधिकारी भगवत पटेल ने लिखित रूप से तो यही अवगत कराया है।

बेसिक शिक्षा विभाग को बीएसए भगवत पटेल ने अपनी निजी दुकान बना रखा है। यहां पर न शासन का और न ही बेसिेक शिक्षा परिषद का कोई नियम चलता है और न ही कनून का कोई हस्‍तक्षेप है। तस्‍वीर का दूसरा पहलू यह भी है कि बेसिक शिक्षा विभाग के कुछ भृष्‍ट कर्मचारियों/ अधिकारियों ने भगवत पटेल को इस बुरी तरह अपने चंगुल में कर रखा है कि वह जिस कागज पर जैसे चाहते है, हस्‍ताक्षर करा लेते हैं। विभाग में कार्यरत फर्जी शिक्षकों के गिरोह के कारनामे तो हाल ही में एक आरटीआई एक्‍टिविस्‍ट व शिक्षक आनंद राजपूत की हत्‍या के तौर पर सामने आ ही चुके है। इसके अलावा अतंतरग विभागीय सूत्रों की मानें तो सर्वशिक्षा अभियान के समेकित शिक्षा कार्यक्रम अंतर्गत मोटे मानदेय पर तैनता इंट्रीनरेंट टीचर्स के नाम पर भी भारी गोलमाल किया जा रहा है। राज्‍य परियोजना के निर्देशानुसार इंट्रीनरेंट टीचर्स का काम विद्यालययों में चिंहित विशेष आवश्‍यकता वाले बच्‍चों को पढाना होता है। जबकि कई इटीनरेंट/रिसोर्स टीचर्स/फिजियोथ्रेपिस्‍ट टीचर तो वर्षों से गायब हैं। घरों पर बैठे इन इंट्रीनरेंट टीचर्स के मानदेय का खुलेआम बंदरबांट किया जा रहा है। एक अन्‍य इंट्रीनरेंट टीचर बीएसए के व्‍यक्‍तिगत कार्यों के अलावा सूचना आयोग में बीएसए के मुकदमों की पैरवी में व्‍यस्‍त रहता है।

बीएसए के इसी कारनामें का खुलास करने के लिये उनसे जब विभाग में कार्यरत इटीनरेंट/रिसोर्स टीचर्स/ फिजियोथ्रेपिस्‍ट का विवरण मांगा गया तो उन्‍होंने इसे संबंधित की ‘व्‍यक्‍तिगत एकांतता का उल्‍लंघन’ बता दिया। बात भी सही है, क्‍योंकि इन इटीनरेंट/रिसोर्स टीचर्स/फिजियोथ्रेपिस्‍ट में से कई को तो आज तक किसी ने देखा तक नहीं है। इनकी और बीएसए की इसी ‘व्‍यक्‍तिगत एकांतता’ की आड़ में चल रहे मोटे मानदेय के बंदरबांट में खलल पड़ने की पूरी संभावना है। अब बीएसए भगवत पटेल को यह कौन समझाये कि भाई बीएसए कार्यालय आपकी दुकान नहीं है सरकारी विभाग है। इसमें आप और आपके अधीनस्‍थ हम जैसे सामान्‍य कर दाता के टैक्‍स के पैसे से वेतन पा रहे हो। तुम्‍हारी पहली जवाबदेही आम जनता के प्रति है। घोटाले तुम्‍हारा अधिकार नहीं हो सकते।

यहां प्रस्‍तुत है बेसिक शिक्षा से मांगी गयी सूचना और उनके द्वारा दिये गये उत्‍तर का विवरण।

सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत आवेदन

सेवा में

जिलाबेसिक शिक्षा अधिकारी

फर्रुखाबाद                                                     दिनांक -17.01.2013
शुल्क का विवरण: पोस्टल आर्डर मूल्य रु0 10/-(संलग्‍न)

चाही गयी सूचना का विवरण

 

सर्व शिक्षा अभियान में समेकित शिक्षा के अंतर्गत जनपद में जिला समंवयक सहित शिक्षक/प्रशिक्षक/ इटीनरेंट/रिसोर्स टीचर्स/फिजियोथ्रेपिस्‍ट/अन्‍य (कोई पद यदि हो) कुल कितने अधिकारी/कर्मचारी तैनात हैं, कृप्‍या उनका विवरण निम्‍नवत उपलब्‍ध कराने का कष्‍ट करें।

 

नाम अधिकारी/कर्मचारी

पिता का नाम

पता

पद

प्रथम तैनाती वर्ष

तैनाती स्‍थल

वर्तमान मासिक वेतन/मानदेय

 

 


बीएसए भगवत पटेल का जवाब भी देखिये………..
अनुकंपा घोटाले की एकांतता-

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