न्यायालय के आदेश पर सहायक चकबंदी अधिकारी व लेखपाल पर धोखाधड़ी का मुकदमा

Uncategorized

GHOTALAफर्रुखाबाद: बीते एक वर्ष पूर्व एक किसान से चकबंदी को लेकर रुपये हड़प लेने के मामले में अदालत के आदेश पर सहायक चकबंदी अधिकारी व लेखपाल पर शहर कोतवाली में धोखाधड़ी के मामले में मुकदमा पंजीकृत किया गया है।

पीड़ित कमलशेर पुत्र गफूर खां निवासी बरौन मऊदरवाजा ने बताया कि उसके गांव में चकबंदी चल रही थी। उसकी जमीन सड़क के किनारे होने की बजह से अन्य खेती वाली जमीन से तीन गुना अधिक कीमत की थी। 28 जनवरी 2011 को क्षेत्र के तत्कालीन लेखपाल राधेमोहन निवासी कुइयांबूट उनके घर आये और कहा कि पांच हजार रुपये प्रति बीघा के हिसाब से पैसे चाहिए नहीं तो यह जमीन किसी अन्य व्यक्ति के चक में शामिल कर देंगे। जमीन बचाने को लेकर कमलशेर ने अपने भाई दौलतशेर, रहमत शेर से भी बात की और उनके हिस्से की जमीन के पैसे को मिलाकर दो फरवरी को 38250 रुपये लेखपाल को दे दिये। जब इसकी रसीद मांगी तो सहायक चकबंदी अधिकारी दिनेशचन्द्र विश्वकर्मा निवासी आवास विकास व लेखपाल राधेमोहन ने आनाकानी शुरू कर दी। कई महीनों तक पैसे को लेकर हम लोग भागते रहे लेकिन चकबंदी अधिकारी व लेखपाल ने एक नहीं सुनी। काफी मिन्नतें करने के बाद लेखपाल राधेमोहन ने पांच जुलाई 2012 को कमलशेर को सहायक चकबंदी अधिकारी के घर आवास विकास बुलवाया।

[bannergarden id=”8″]

जब कमलशेर परिजनों के साथ पहुंचा तो वहां चकबंदी लेखपाल राधेमोहन पहले से ही मौजूद था। पैसे मांगने की बात पर दोनो आग बबूला हो गये और कमलशेर को घर से बाहर निकाल दिया। जिसके बाद कमलशेर ने तीन सितम्बर को डाक द्वारा पुलिस अधीक्षक को शिकायतीपत्र दिया लेकिन कोई सुनवायी नहीं हुई। थक कर कमलशेर ने न्यायालय का दरबाजा खटखटाया तो न्यायालय ने मामले को संज्ञान में लेते हुए शहर कोतवाली को मुकदमा पंजीकृत करने के आदेश दिये। जिसके बाद चकबंदी लेखपाल राधेमोहन व सहायक चकबंदी अधिकारी दिनेशचन्द्र विश्वकर्मा पर आईपीसी की धारा 406 व 420 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया।