Friday, December 27, 2024
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पूर्व मंत्री रंगनाथ व चंद्रदेव 24 घंटे की पुलिस रिमांड पर

LUCKNOW : दो सौ करोड़ रुपए के लैकफेड घोटाले में करोड़ों रुपए रिश्वत लेने के आरोपी पूर्व माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र एवं पूर्व लघु उद्योग मंत्री चंद्रदेव राम यादव को 24 घंटे की पुलिस रिमांड पर दिए जाने का आदेश प्रभारी सत्र न्यायाधीश एसएन अग्निहोत्री ने दिया है। पुलिस कस्टडी रिमांड अवधि 17 को सुबह नौ बजे से प्रारंभ होगी और 18 को सुबह नौ बजे तक प्रभावी होगी।
Badshah Singh Rangnath Misra
अपने विस्तृत आदेश में कोर्ट ने कहा है कि अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप है कि उन्होंने राज्य के मंत्री रहने के दौरान भ्रष्ट आचरण के माध्यम से धनराशि प्राप्त करते हुए संपत्ति अर्जित की है। नि:संदेह भ्रष्ट आचारण से अर्जित की गई संपत्ति का विवरण चुनाव आयोग के समक्ष होना संभव नहीं है। इस प्रकार की संपत्ति का उल्लेख आयकर की विवरणी में किया जाना स्वाभाविक प्रतीत नहीं होता है। अदालत ने कहा है कि मामले के तथ्यों से स्पष्ट है कि अभियुक्तों के विरुद्ध राज्य का मंत्री रहते हुए भ्रष्ट आचारण के माध्यम से धनराशि अर्जित किए तथा उससे संपत्ति अर्जित किए जाने का आरोप है।
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कोर्ट ने कहा-ऐसा करना न्यायोचित, न करने से न्याय का उद्देश्य पूरा नहीं होगा
अदालत ने कहा है कि इस मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों के प्रकाश में अभियुक्तों को पुलिस अभिरक्षा में दिया जाना न्यायोचित प्रतीत होता है, यदि ऐसा नहीं किया गया तो न्याय का उद्देश्य विफल हो जाएगा। अदालत ने कहा है कि दोनों आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में इस शर्त के साथ दिया जाता है कि विवेचक उन्हें कारागार से निकालने के पूर्व एवं वापस कारागार में लाने के समय उनका चिकित्सीय परीक्षण कराएंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस अभिरक्षा के दौरान दोनों आरोपियों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया जाएगा। यदि अभियुक्त उचित समझें तो पूछताछ के दौरान अपने वकील को साथ रख सकते हैं। परंतु वह वकील पूछताछ के स्थान से 75 मीटर दूर रहेंगे। इसके अलावा अभियुक्तगणों से ऐसे स्थान पर पूछताछ की जाए जहां से उनके वकील द्वारा अभियुक्तों एवं पुलिसकर्मियों को सीधा देखा जा सके।
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पुलिस कस्टडी रिमांड अर्जी पर विवेचक एपी गंगवार की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता धर्मेद्र कुमार शुक्ला एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रमोद कुमार श्रीवास्तव का तर्क था कि दोनों आरोपियों ने गत दो फरवरी को अदालत में आत्मसमर्पण किया था। उसी दिन जमानत खारिज होने के बाद उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया था। अदालत से अनुमति लेकर विवेचक द्वारा दोनों आरोपियों का जेल में बयान दर्ज किया गया। जिस पर दोनों ने बताया कि उनके द्वारा मंत्रित्वकाल में बनाई गई संपत्तियों को जो लखनऊ, भदोही एवं आजमगढ़ में हैं चलकर चिन्हित करा सकते हैं।

बहस के दौरान कहा गया है कि अब तक की विवेचना में 23 करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा हो चुका है। इसमें रंगनाथ मिश्र पर 1.25 करोड़ रुपए की धनराशि को रिश्वत के रूप में लेकर 14 जिलों में 25 विद्यालयों के निर्माण कार्य के लिए कार्यदायी संस्था लैकफेड को अपने हस्ताक्षर से लैकफेड को नामित कर दिया। पूर्व मंत्री चंद्रदेव राम यादव के विरुद्ध साक्ष्यों से साबित हुआ है कि उनके द्वारा लघु उद्योग से संबंधित निर्माण कार्यो हेतु बजट प्राप्त करने के लिए की गई लाइजनिंग के तहत चेयरमैन सुशील कुमार कटियार के पीआरओ प्रवीण कुमार सिंह से दो करोड़ की धनराशि प्रमुख सचिव लघु उद्योग श्रीकृष्ण एवं मंत्री के पीआरओ सत्य प्रकाश श्रीवास्तव तथा अधिशाषी अभियंता सत्येन्द्र बहादुर सिंह के समक्ष रिश्वत के रूप में प्राप्त की गई है।

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