फर्रुखाबाद: वैलेनटाइन डे के विरोध में जहां कुछ संगठन सुबह से ही आंखें जरूर गड़ाये रहे लेकिन इन की पैनी नजरों से बचकर प्रेमी युगल प्रेम दिवस मनाते खूब नजर आये। सुनसान राहों, रामनगरिया मेला और यहां तक कि अस्पतालों में भी प्रेमी युगल अपने अपने प्रेम का इजहार करते देखे गये।
पूछे जाने पर प्रेमिका सोनी ने बताया कि हिन्दुस्तानी संस्कृति यह नहीं कहती कि अपने हमउम्र किसी भी युवक से बात न करें। यह कोई अपराध नहीं है। संस्कृति कहीं से भी नहीं टूटती, बस आदमी सोंच उसे वैसा दिखाती है जैसा वह अपने दिमाग में सोचता है। विरोध करने वाले यह जान लें कि प्यार तो कोई भी किसी से कर सकता है, मां बाप, भाई बहन। लेकिन इससे संस्कृति प्रभावित नहीं होती वल्कि जबर्दस्ती कुछ लोग इस वैलेनटाइन डे को गलत नजर से देखकर विरोध करते हैं। रेस्टोरेंटों पर बैठकर अगर कोई युवक किसी युवती के साथ भोजन कर रहा है तो इसमें कौन सा गुनाह हो गया और कौन सी संस्कृति कहती है कि ऐसा करना अपराध है। अगर यह अपराध है तो फिर इन रेस्टोरेंटों और ढावों पर यह नोटिस चस्पा कर देना चाहिए कि यहां पर सिर्फ शादी शुदा ही भोजन कर सकते हैं। कुछ संगठन अपने को साबित करने की जुगत में ऐसा कृत्य करते हैं और नवयुवक युवतियों की बेइज्जती करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। अपराध रोकने का काम पुलिस का है। पुलिस को यह चीज अपराध लगती है तो फिर रोकती क्यों नहीं।
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यह कहना था युवती सोनी का जो एक अस्पताल में प्रेमी के साथ बैठकर बातचीत कर रही थी। ऐसे ही खुले मिलाज युवतियों ने संगठनों की आंख में धूल झोंक कर अपने प्रेम का इजहार दिल खोलकर किया। रामनगरिया हो या लोहिया अस्पताल जहां मौका मिला बस अपने प्रेम का इजहार करने में देर नहीं की और प्रश्न छोड़ गये कि आखिर उनका ऐसा करने पर गुनाह क्या।