वर्षा से गेहूं की फसल लहलहायी, सरसों को भारी नुकसान

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imagesफर्रुखाबाद: दो दिन से हो रही हल्की बारिश में जहां एक तरफ गेहूं की फसल लहलहा उठी है वहीं सरसों की फसल में भारी नुकसान देखने को मिल रहा है। सरसों की फसल में फूल झड़ने के साथ ही यह गिर गयी है। जिससे पैदावार कम होने के साथ ही गुणवत्ता पर भी असर पड़ने के आसार बताये गये हैं। इस सम्बंध में कृषि वैज्ञानिक डा0 सुशील कुमार की विशेष रिपोर्ट-

सर्दी के मौसम में हल्की बरसात गेहूं की फसल के लिए वरदान साबित हो रही है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार जिन वर्षों में गेहूं की फसल के दौरान अच्छी खासी माहुट होती रही है उन वर्षों में जनपद व प्रदेश में गेहूं की पैदावार भी खूब हुई। जनपद में दो दिन से बरसात हो रही है, जिससे गेहूं की फसलें लहलहा उठीं हैं। लेकिन तेज हवा से कुछ गेहूं की फसलें गिरने से प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ने से नहीं बच पाया। वहीं तैयार खड़ी सरसों की फसल पर असमय पानी बरस जाने से उसका फूल झड़ गया है। सरसों का फूल झड़ जाने से पैदावार पर असर पड़ने के साथ ही सरसों पकने में भी समय लेगी।
डा0 सुशील कुमार के अनुसार आलू की खुदाई का समय चल रहा था। किसान अपने खेतों में आलू खोद खोद कर डाल रहा था। जिससे जिस आलू पर पानी खेत में ही बरस गया है उस आलू पर काले धब्बे पड़ना तय है। किसानों को चाहिए कि भीगे हुए आलू को छायादार स्थान पर फैला कर सुखा लें तो काले धब्बे पड़ने से बच सकता है।
उन्होंने बताया कि वर्षा से उर्द व मूंग की पैदावार पर भी प्रतिकूल असर पड़ेगा। उर्द मूंग का फूल झड़ जाने से पैदावार कम हो जायेगी। जिसके साथ ही पकने में भी समय अधिक लग जायेगा।

सबसे अधिक फायदा पानी से गेहूं व जौ की फसल के लिए रहा है। हल्की बरसात जिसे गांव में किसानों की भाषा में माहौट कहा जाता है, से गेहूं व जौ की फसल में खाद का काम किया है। वहीं इस वर्षा से उस गेहूं की फसल को भी नुकसान पहुंचा है जो काफी बड़ी बड़ी थी और तेज हवा में गिर गयी है। खेतों में गेहूं की फसल गिर जाने से पैदावार आधी ही रह जायेगी।