उम्मीद के मुताबिक आलू में नहीं आ रही सुर्खी, किसान परेशान

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फर्रुखाबाद: बीते कई दिनों से आलू के भाव में सुर्खी के इंतजार में किसान अपने आलू को रोके हुए था। लेकिन आलू भाव में कोई सुधार न होने से किसान अब चिंतित होने लगा है। किसानों का मानना है कि साढ़े चार सौ रुपये में बिकने वाले आलू की तो लागत पानी भी सीधी नहीं हो पा रही है। यदि इसी भाव बेचना था तो वह लोग कच्ची फसल को ही बेच देते तो ज्यादा फायदा हो जाता। बुधवार को सातनपुर आलू मण्डी में सामान्य भाव 451 खुलने से किसानों को अब भाव को लेकर चिंता सताने लगी है।

अभी तक सातनपुर मण्डी में आलू कम पहुंचने से आलू की खपत अच्छी होती रही और आलू के भाव 500 या 500 से ऊपर किसानों को मिलते रहे। लेकिन मौसम ठीकठाक होते ही किसानों ने आलू की खुदाई तेज कर दी। जिससे मण्डी में भी आलू की आवक बढ़ गयी। आलू की आवक के हिसाब से खपत न हो पाने से व्यापारियों ने बीते चार दिनों से आलू को गिराकर खरीदा। जिससे किसानों को अब लागत पानी भी सीधी करने में दिक्कतें आने लगीं हैं। किसानों का मानना है कि यदि यही भाव लेना था तो वह लोग एक माह पहले ही कच्ची सीजन में अपने आलू को बेच देते तो उससे उन्हें दुगना फायदा हो जाता एक तो भाव अच्छे मिलते दूसरे आलू वाले खेतों में गेहूं की बुबाई भी समय से हो जाती। लेकिन आलू भाव में बढ़ोत्तरी के इंतजार में उन्होंने पूरा माह गुजार दिया और अपनी फसल को बिना खोदे ही खेतों में खड़ा करे रहे। लेकिन एक माह बाद खुदाई करने पर भी उनको वाजिब मूल्य नहीं मिल पा रहा है। जिससे किसानों को बेहद चिंता सताने लगी है।

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गुरुवार को सातनपुर मण्डी भाव 451 खुले तो वहीं सफेद अच्छा आलू 525 तक में बिका। भर्ती किये जाने वाला छट्टा आलू 551 रुपये तक में बिक गया। जिन किसानों का आलू बढ़िया व छट्टा है उनका तो लागत पानी सीधा हो जाता है लेकिन जिन किसानों का आलू साढ़े चार सौ प्रति कुन्तल में ही बिक पाता है उन्हें श्रमिक इत्यादि निकालने के बाद कोई अधिक फायदा नहीं हो पा रही है। जिससे किसान बेहद परेशान दिखायी दे रहे हैं। किसानों का मानना है कि बीते वर्षों में घाटा उठाने के बाद उन लोगों को इस वर्ष आलू के भाव ठीक ठाक मिलने की उम्मीद थी लेकिन अभी तक भाव में उम्मीद के मुताबिक बढ़ोत्तरी न हो पाने से उन लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का अभी यह भी मानना है कि आलू में मजबूती आने के बाद किसान खेतों से आलू खोदकर ढेर लगाना भी शुरू कर देगा। जिसके बाद भी आलू में सुर्खी आने की उम्मीद है।