किसानों का खेती से मोहभंग तो नेताओं को रास आ रही खेती

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जहाँ एक तरफ किसान अपना खेती की तरफ से मुंह मोड़कर कर दूसरी तरफ कर रहे हैं वहीं 90 फीसदी नेता खेती की ओर अपना रुख कर रहे हैं| खेती से जहाँ किसान कंगाल हो रहे हैं वहीँ नेता मालामाल हो रहे हैं| यह सुनकर आपको थोडा अटपटा जरुर लग रहा होगा कि नेता और किसानी लेकिन यह सच है| 16वीं विधान सभा के 403 में 298 ‘नेताओं का व्यवसाय कृषि है। बाकी अन्य उद्योग, वकालत, चिकित्सा, अध्ययन और रियल स्टेट का कारोबार कर रहे हैं। यह खुलासा उत्तर प्रदेश की 16वीं विधान सभा के सदस्यों के परिचय नामक पुस्तक से हुआ है।

पुस्तक के मुताबिक, 16वीं विधान सभा के 404 में 298 माननीयों में सपा के काबीना मंत्री शिवपाल सिंह यादव, बाहुबली मुख्तार अंसारी, आजम खां, पूर्व प्राविधिक मंत्री योगेश प्रताप सिंह, उद्यान मंत्री राजकिशोर सिंह, पूर्व निर्वाचन मंत्री रामहेत भारती, कृषि मंत्री आनंद सिंह, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी, खेलमंत्री रामकरन आर्य, पूर्व ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय, अखिलेश प्रताप सिंह, पूर्व खेल मंत्री अयोध्या पाल, बाहुबली विधायक अभय सिंह, भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमाभारती, भाजपा के वरिष्ठï नेता कलराज मिश्र, संस्थागत वित्त मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव, पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह, लघु उद्योग मंत्री भगवत सरन गंगवार, समाज कल्याण मंत्री अवधेश प्रसाद, बसपा के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री इंद्रजीत, परिवहन मंत्री अरिदमन सिंह राजा, श्रम मंत्री शाहिद मंजूर आदि का मुख्य व्यवसाय कृषि है।

इसके अलावा कई मंत्री और विधायक अन्य व्यवसाय से कर रहे हैं। इनमें अपना दल की विधायक अनुप्रिया पटेल का व्यवसाय व्यापार है। मंत्री राजेन्द्र सिंह राणा वकालत और पत्रकारिता, ग्राम्य विकास मंत्री अरविंद सिंह गोप का व्यवसाय समाजसेवा है। प्रोटोकाल मंत्री अभिषेक मिश्र अब भी अध्ययन का कार्य कर रहे हैं। संस्कृति मंत्री अरूण कोरी का व्यवसाय राजनीति है। इसके साथ ही सेवानिवृत अधिकारी 4 विधायक हैं। वकालत के पेशे से जुड़े 16 विधायक हैं। कई माननीय कृषि के साथ अन्य कारोबार कर रहे हैं।