फर्रुखाबाद: केन्द्र व प्रदेश सरकार भले ही गरीबों को सस्ता राशन उपलब्ध कराने के लिए तमाम योजनायें चला रही हो लेकिन जनपद के अधिकारी व कोटेदार मिलकर शासन की इन योजनाओं पर पानी फेरने में जुटे हुए हैं। शासन की ओर से जहां गरीबों को सूचना उपलब्ध करवाने के लिए मोबाइल नम्बर व पते नोट करने के लिए कहा गया तो कोटेदारों ने वोटरआईडी कार्ड व मोबाइल नम्बर के नाम पर ही राशन की कालाबाजारी करनी शुरू कर दी। जो गरीब उपभोक्ता वोटर आई डी कार्ड व मोबाइल नम्बर नहीं दे पा रहे हैं उनको कोटेदार राशन ही देने से मना कर देते हैं। इसके लिए कोटेदार जिला पूर्ति अधिकारी के आदेश की दुहाई देते हैं।
विदित हो कि खाद्य आयुक्त की तरफ से जनपद के उपभोक्ताओं के मोबाइल नम्बर व सही पते का डाटा मांगा गया है। जिसके लिए जिला पूर्ति कार्यालय से कोटेदारों को मौखिक रूप से अवगत करा दिया गया कि उपभोक्ताओं के आई डी कार्ड व मोबाइल नम्बर जमा कर लिये जायें। भ्रष्ट कोटेदारों को तो कालाबाजारी करने की अच्छी बजह मिल गयी। कोटेदारों ने उन उपभोक्ताओं को राशन देने से ही साफ इंकार कर दिया जिन उपभोक्ताओं के पास उनका वोटर आई डी कार्ड नहीं है। मायूस गरीब लोग बिना राशन लिये ही घंटों लाइन में लगने के बाद अपने घरों को लौट जा रहे हैं। शहर के अधिकांश कोटेदारों ने आधे अधूरे राशन को ही बांटकर इतिश्री कर रहे हैं। बाकी राशन को कालाबाजारी में खुलेआम बेच रहे हैं। जिसमें विभागीय अधिकारियों की भी साठगांठ बतायी जा रही है।
गुलाबचंद ने बताया कि खाद्य आयुक्त ने उपभोक्ताओं के मोबाइल नम्बर एकत्र करने के निर्देश दिये हैं। यह भी पता करना है कि कितने उपभोक्ताओं के पास वोटर आईडी कार्ड है या नहीं है। उन्होंने बताया कि इस सम्बंध में खाद्य आयुक्त का आदेश प्राप्त करा दिया गया है। परन्तु किसी भी कोटेदार ने जिला पूर्ति कार्यालय से किसी लिखित आदेश की प्राप्ति से इंकार किया है। अधिकांश कोटेदार जानकारी करने पर तो केवल फोन नम्बर नोट करने की ही बात करते हैं। परन्तु वास्तव में वह वोटरआईडी कार्ड न दिखा पाने वाले गरीब उपभोक्ताओं को बिना राशन दिये ही वापस लौटा रहे हैं। इसके लिए खुलेआम जिला पूर्ति अधिकारी के नाम का उपयोग भी कर रहे हैं। मजे की बात है कि जिला पूर्ति अधिकारी गुलाबचन्द्र ने खाद्य आयुक्त की ओर से जारी आदेश की प्रति दिखाने तक में असमर्थता व्यक्त कर दी।