Wednesday, December 25, 2024
spot_img
HomeUncategorizedबिल्ली के गले में कौन घंटी बांधेगा

बिल्ली के गले में कौन घंटी बांधेगा

फर्रुखाबाद: देश की राजधानी दिल्ली में हुई गैंग रेप की घटना के बाद प्रदेश में चार पहिया वाहनों से काली फिल्म चढ़े शीशों को हटवाने एवं उनका चालान करने के निर्देश दिये गये हैं। जिसके लिए प्रदेश व्यापी अभियान भी चलाने की बात कही गयी है। लेकिन सरकारी आदेश के बावजूद जनपद मुख्यालय पर एसपी कार्यालय के बाहर ही एक राजनीतिक दल की काली फिल्म चढ़ी स्कार्पियो धड़ल्ले से आते जाते देखी गयी। लेकिन बात जब सत्ताधारी नेता की स्कार्पियों की हो तो फिर कहावत याद आ ही जाती है कि ‘‘बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधे।

प्रदेश सरकार द्वारा बनाये जाने वाले नियमों को जब उनकी ही पार्टी के नेता धज्जियां उड़ाते घूमें और वह भी जनपद मुख्यालय पर उच्चाधिकारियों के सामने तो फिर उनसे कौन कहने वाला है कि आप कानून का पालन करें। इस तरह का नजारा सोमवार को उस समय देखने में आया जब एक समाजवादी पार्टी का झण्डा लगी गाड़ी पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर खड़ी देखी गयी। इतना ही नहीं इस गाड़ी पर मिशन 2014 का बैनर भी छपा हुआ था। जिससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि गाड़ी किसी सत्ताधारी नेता की ही है। हरे रंग की स्कार्पियो गाड़ी पर काली फिल्म चढ़े शीशों को देखकर लोग अनायास ही कहने को मजबूर हो गये कि अब इन्हें कौन रोकने वाला है भाई सत्ता का मामला है। वहीं उच्चाधिकारियों ने अब्बल तो अभी तक काले शीशे हटवाने का जनपद में कोई अभियान चलाया नहीं है। यदि चलाया भी हो तो उन्होंने इस गाड़ी को जान कर भी शायद अनजान कर दिया। जनपद में एक नहीं और भी कई ऐसी ही गाड़िया फर्राटे भर रहीं हैं जिन पर काली फिल्म वाले शीशे लगे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments